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Bhagwant Mann: सरदार जस्सा सिंह की पुण्यतिथि पर पंजाब सीएम का संदेश! वीर योद्धा के साहस को नमन कर अर्पित किया श्रद्धा-सुमन

वीर सरदार जस्सा सिंह अहलूवालिया जी की पुण्यतिथि पर सीएम Bhagwant Mann ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया है।

Bhagwant Mann
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bhagwant Mann: पंजाब के विभिन्न हिस्सों में आज वीर सरदार जस्सा सिंह अहलूवालिया जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर मोगा से लेकर जालंधर, अमृतसर, तरनतारन, चंडीगढ़, गुरदासपुर समेत तमाम इलाकों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इन कार्यक्रमों में शिरकत कर लोग सरदार जस्सा सिंह को नमन कर रहे हैं।

इसी क्रम में सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सीएम मान ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर जस्सा सिंह जी की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया है। सीएम मान ने बताया है कि कैसे अपनी वीरता और पराक्रम के बल पर जस्सा सिंह अहलूवालिया दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने में कामयाब हुए थे।

सरदार जस्सा सिंह की पुण्यतिथि पर सीएम Bhagwant Mann की प्रतिक्रिया

मुगलों से लोहा लेने वाले और उन्हें दिन में ही तारे दिखाने वाले सरदार जस्सा सिंह अहलूवालिया जी की आज पुण्यतिथि है। इस खास अवसर पर सीएम भगवंत मान की ओर से प्रतिक्रिया आई है।

सीएम मान के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “सुल्तान-उल-कौम सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया जी एक वीर, साहसी और पराक्रमी योद्धा थे जिनका घल्लूघारों में युद्ध से लेकर दिल्ली की गद्दी पर बैठने तक का सफ़र साहस से भरा है। आज सरदार जस्सा सिंह अहलूवालिया जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।” खबर है कि पंजाब के विभिन्न हिस्सों में भी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर वीर सरदार अहलूवालिया जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।

मुगलों से लोहा लेने वाले सरदार जस्सा सिंह की संक्षिप्त जीवनी

गौरतलब है कि वीर सरदार जस्सा सिंह अहलूवालिया का जन्म न्म 3 मई 1718 को लाहौर (अब पाकिस्तान) के पास अहलू गांव में हुआ था। उन्हें ‘युद्ध कला’ में महारत हासिल थी जिसके कारण दुश्मनों को नाकों चने चबाने पड़ते थे। 1748 में नवाब कपूर सिंह द्वारा खुद को उनका उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद जस्सा सिंह ने धर्म युद्ध में हिस्सा लिया। जस्सा सिंह अहलूवालिया के नेतृत्व में ही सेना ने 1761 में पानीपत की लड़ाई से लौट रहे अहमद शाह अब्दाली पर हमला कर 2200 हिंदू महिलाओं रिहा कराया।

इसके बाद बाबा बघेल सिंह, जस्सा सिंह आहलुवालिया और जस्सा सिंह रामगढ़िया मिलकर मुगलों से लोहा लेते रहे। आलम ये हुआ कि इनकी सेना ने यमुना तक अपने पांव पसार लिए। धीरे-धीरे 1781 तक जस्सा सिंह ने दिल्ली फतेह योजना बनाई और शाहदरा, पड़पड़गंज पर हमला बोल दिया। इन सभी युद्धों में विजयश्री हसिल कर अहलूवालिया दिल्ली फतेह करने में कामयाब रहे। अंतत: 23 अक्टूबर 1783 को उनकी मौत हो गई जिसको ध्यान में रखते हुए हर वर्ष पुण्यतिथि मनाई जाती है।

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