Mohan Bhagwat: वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले केरल में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जमकर हुंकार भरी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने सोने की चिड़िया का जिक्र करते हुए कहा है कि अब हमें शेर बनना है। भारत को एक शक्ति संपन्न देश बनाने की बात दोहराते हुए Mohan Bhagwat ने बगैर किसी लाग-लपेट के कहा कि दुनिया सिर्फ शक्ति की भाषा समझती है। इसलिए अब समय आ गया है कि भारत शक्ति की दिशा में बड़े कदम उठाए। RSS प्रमुख का ये बयान दुश्मनों के लिए बड़ा संदेश है। शक्तिशाली राष्ट्रों की सूची में सुमार भारत को और अधिक शक्ति संपन्न बनने की मंत्र देते हुए मोहन भागवत ने अहम संकेत दिया है।
वामपंथ के गढ़ केरल में Mohan Bhagwat ने भरी हुंकार
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञान सभा का हिस्सा बनते हुए मोहन भागवत ने छात्रों को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने वामपंथ के गढ़ केरल के कोच्चि शहर में साफ तौर पर कहा कि “हमें फिर से सोने की चिड़िया नहीं बनना है, बल्कि अब हमें शेर बनना है। दुनिया सिर्फ शक्ति की भाषा ही समझती है। इसलिए अब समय आ गया है कि भारत शक्ति की दिशा में बड़े कदम उठाए।” शिक्षा का महत्व बताते हुए Mohan Bhagwat ने कहा कि “इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को आत्मनिर्भर और इस लायक बनाना होना चाहिए कि वे हर परिस्थिति में अपने दम पर जी सकें और दूसरों की मदद कर सकें।”
भारत के अनुवाद पर RSS प्रमुख का अहम संदेश
इंडिया vs भारत को लेकर पहले कई दफा छिड़ चुकी चर्चा को लेकर भी मोहन भागवत ने अहम संदेश दिया है। RSS प्रमुख का साफ कहना है कि “यदि भारत का अनुवाद किया जाता है तो यह अपनी पहचान और विश्व में इस नाम का जो सम्मान है, वह खो देगा। इंडिया तो भारत है, यह सत्य है, लेकिन भारत भारत है। इसके बारे में हम जब बात करते हैं या लिखते हैं, तब हमें इसे इसी रूप में रखना चाहिए। भारत की पहचान का सम्मान किया जाना चाहिए।” Mohan Bhagwat का कहना है कि “जब आप अपनी पहचान खो देते हैं तो आपके पास कितने भी गुण क्यों न हों, आपको इस दुनिया में सम्मान और सुरक्षा नहीं मिल पाएगी। यही मूल सिद्धांत है।” बीते रविवार को केरल के कोच्चि में आरएसएस प्रमुख द्वारा कही गई ये बातें अब खूब सुर्खियां बटोर रही हैं।