S Jaishankar: वैश्विक समीकरण तेजी से बदल रहा है। अब के दौर में अमेरिकी प्रभुत्व को खुली चुनौती मिलती नजर आ रही है। अमेरिका लाख कोशिश कर रहा है कि भारत अब रूस से तेल ना खरीदे। इसके लिए सारे पैतरे आजमाए जा रहे हैं। इसी बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्री ने अमेरिका को खुले तौर पर चुनौती सी दे दी है। S Jaishankar ने इशारों-इशारों में डोनाल्ड ट्रंप को चेताते हुए हा है कि हम एक नई विश्व व्यवस्था चाहते हैं, न कि कुछ लोगों के प्रभुत्व वाली व्यवस्था। ये बड़ी बात है जो अमेरिकी प्रभुत्व को खुली चुनौती देता है।
अमेरिका को भारतीय विदेश मंत्री S Jaishankar की खुली चुनौती
अमेरिका से जारी तनातनी और टैरिफ विवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री का तल्ख रुख सामने आया है। इसे अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के लिए करारा जवाब माना जा रहा है। एस जयशंकर ने अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देते हुए कहा कि “हम एक नई विश्व व्यवस्था चाहते हैं, न कि कुछ लोगों के प्रभुत्व वाली।” यहां आशय साफ है कि S Jaishankar उस प्रभुत्व को चुनौती दे रहे हैं जिसके सहारे अमेरिका पूरी दुनिया में अपना दबदबा कायम करने की मंशा रखता है। एस जयशंकर की ये तल्ख टिप्पणी अमेरिका को उस दौर में दी गई खुली चुनौती मानी जा रही है जब प्रेसिडेंट ट्रंप लगातार भारत पर रूस से तेल ना खरीदने का दबाव बना रहे हैं।
रूस से तेल की खरीदारी जारी रखेगा भारत!
अमेरिका चाहें लाख कोशिशें कर ले, भारत का रुख अब तक स्पष्ट सा है। अमेरिका की ओर से ज्यादा टैरिफ लगाने की धमकी हो या अन्य कई पहलुओं पर झटका देने की तैयारी। भारत का रुख स्पष्ट है कि रूस से तेल की खरीद जारी रहेगी। विदेश मंत्री S Jaishankar समेत तमाम नेता रूस की होने वाली तेल की खरीदारी का महत्व साझा कर चुके हैं। दावा किया जा रहा है कि यदि भारत रूसी तेल खरीदने में कमी लाता है, तो ग्रास रिफाइनरी मार्जिन में 1 से लेकर 1.5 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट आ सकती है।
इससे इतर यदि भारत रूसी तेल आयात बंद करता है, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और CPCL/MRPL पर इसका बड़ा असर पड़ेगा। ऐसे में अपनी सुविधा का ध्यान रखते हुए भारत अपनी धुन में लगातार अग्रसर है। अमेरिका से जारी तनातनी के बीच ब्रिक्स का हिस्सा बनना, चीन से नजदीकियां बढ़ाना और रूसी तेल का आयात जारी रखना इसकी बानगी मात्र है।