MK Stalin: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की एक चिट्ठी ने चेन्नई से दिल्ली तक का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुका है। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने जहां एक ओर सीएम एमके स्टालिन के पत्र को राजनीति से प्रेरित बताया है, तो वहीं डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने केन्द्र पर करारा पलटवार किया है। सीएम MK Stalin के बेटे उदयनिधि स्टालिन का कहना है किहम तीन-भाषा नीति को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। बता दें कि एमके स्टालिन ने PM Modi के नाम पत्र लिखकर SSA फंड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और पीएम श्री स्कूल योजना से जोड़ने पर आपत्ति जताई थी।
MK Stalin के पत्र पर छिड़ा सियासी संग्राम
केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सीएम एमके स्टालिन द्वारा लिखे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए पलटवार किया है। धर्मेन्द्र प्रधान का कहना है कि “सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने PM Modi को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र अच्छी भावना से नहीं लिखा है। उन्होंने उस पत्र के माध्यम से कुछ काल्पनिक चिंताओं का उल्लेख किया है और उनका पत्र राजनीतिक प्रेरणा से भरा है। अपनी राजनीतिक सुविधा को देखते हुए MK Stalin ने पत्र लिखा है।”
डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने धर्मेन्द्र प्रधान को करारा जवाब दिया है। एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि का कहना है कि “हम अपने वित्तीय अधिकार मांग रहे हैं, जो तमिलनाडु के लोगों को दिया जाना है। हम तमिलनाडु के छात्रों के लिए शैक्षिक फंड मांग रहे हैं। केन्द्र इतने सालों से 2150 करोड़ रुपए का फंड दे रहा था, लेकिन अब कह रहे हैं कि हमें NEP, तीन-भाषा नीति को स्वीकार करना चाहिए। तमिलनाडु हमेशा तीन-भाषा नीति के खिलाफ रहा है। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। मुझे समझ नहीं आता, इसमें राजनीति क्या है?”
PM Modi के नाम तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का पत्र
सीएम एमके स्टालिन ने बीते कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पत्र लिखकर एसएसए फंड जारी करने की अपील की थी। सीएम MK Stalin का कहना है कि “यह कैसे उचित है कि तमिलनाडु के छात्रों को समग्र शिक्षा के लिए धन केवल तभी आवंटित किया जाएगा जब NEP 2020 पूरी तरह से लागू किया जाएगा और त्रिभाषी नीति अपनाई जाएगी? क्या तमिल लोगों की भावनाओं की कद्र नहीं?क्या दो अलग-अलग परियोजनाओं को समाप्त करके शिक्षा निधि पर रोक लगाना सही है? आपको इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और तमिलनाडु के लिए 2152 करोड़ रुपये जारी करने चाहिए।”