Monday, May 19, 2025
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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज एयरपोर्ट पर कई एयरोब्रिज! ‘गुंबद शहर’ बना आकर्षण का केन्द्र; जानें संगमनगरी में योगी सरकार की तैयारी

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Maha Kumbh 2025: संगमनगरी प्रयागराज शुरू से अध्यात्म का केन्द्र रही है। इसी कड़ी में अध्यात्म के इस केन्द्र को महाकुंभ (Maha Kumbh) के लिए और भव्य बनाया जा रहा है। सड़क से लेकर घाट, एयरपोर्ट, पार्क समेत अन्य कई स्थलों पर सौंदर्यीकरण का काम जोरों पर है। सारी व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। इसी बीच कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (Nand Gopal Gupta) ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि महाकुंभ को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट (Prayagraj Airport) को कुल 6 एयरोब्रिज के साथ अपग्रेड किया जा रहा है। महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में पहली बार ‘गुंबद शहर’ का निर्माण भी हुआ है जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बन सकता है।

Maha Kumbh 2025 आकर्षण का केन्द्र बना ‘गुंबद शहर’

महाकुंभ को देखते हुए प्रयागराज के अरैल क्षेत्र में गुंबद शहर (Dome City) का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे आवास में रहने वाले लोग 360° दृश्य के साथ महाकुंभ की भव्यता का चश्मदीद बन सकेंगे। ऐश्वर्य चौधरी का कहना है कि “महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) में पहली बार गुंबद शहर का निर्माण हो रहा है। इसमें सभी लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए पारंपरिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी सुनिश्चित किया है। इसे ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। गुंबद शहर के 50 फीसदी आवासों की बुकिंग पहले ही हो चुकी है।”

6 एयरोब्रिज के साथ अपग्रेड हो रहा Prayagraj Airport

प्रयागराज एयरपोर्ट कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ श्रद्धालुओं के संगमनगरी (Sangam Nagari) आने की उम्मीद है। ऐसे में सभी आवश्यक तैयारियों को देखते हुए 6 एयरोब्रिज के साथ प्रयागराज हवाई अड्डे (Prayagraj Airport) को अपग्रेड किया जा रहा है। इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने दी है। उन्होंने बताया है कि महाकुंभ (Maha Kumbh) के दौरान प्रयागराज शहर 20-25 शहरों से हवाई संपर्क से जुड़ जाएगा। महाकुंभ के दौरान कई वाणिज्यिक और चार्टर उड़ानें भी यहां आएंगी जिसको देखते हुए सभी तरह की तैयारियां की जा रही हैं।”

प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर नजर आ रहा अश्वमेध यज्ञ का प्रतीक

गंगा तट पर स्थित प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर सतयुग और द्वापर युग से अश्वमेध यज्ञ के कई प्रतीक उकेरे गए हैं। सनातन संस्कृति के इस महापर्व को भव्य बनाने के लिए प्रयागराज के दारागंज में पौराणिक घाट को खास तौर पर तैयार किया गया है। 110 मीटर लंबे दशाश्वमेध घाट पर सुंदर कलाकृतियां बनाई गई हैं। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने यहीं पर पहला यज्ञ किया था। द्वापर युग में युधिष्ठर ने भी यहां अश्वमेध यज्ञ किया था और यहां से दस अश्व को दसों दिशाओं में छोड़ा गया था।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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