Sambhal Violence: संभल में आज आला अधिकारियों का मजमा लगा है। दरअसल, न्यायिक जांच आयोग की तीन सदस्यीय टीम आज संभल वायलेंस से की जांच के लिए मौके पर पहुंची है। इस दौरान स्थानीय जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक के साथ डीआईजी भी मौके पर मौजूद हैं। न्यायिक जांच आयोग के सदस्य व पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने समाचार एजेंसी आईएनएस से बात करते हुए बड़ी बात कह दी है। Sambhal Violence से जुड़े मामले की जांच को लेकर न्यायिक आयोग का कहना है कि “जो लोग भी अपनी बात कहना चाहेंगे या अपने विचार सांझा करना चाहेंगे उनकी बात सुनी जाएगी।”
Sambhal Violence की जांच करने पहुंची न्यायिक जांच आयोग का बड़ा बयान
न्यायिक जांच आयोग के सदस्य अरविंद कुमार जैन ने संभल वायलेंस जांच से जुड़े प्रकरण को लेकर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि “जो लोग भी संभल हिंसा से जुड़े प्रकरण में अपनी बात कहना चाहेंगे या अपने विचार सांझा करना चाहेंगे, उनकी बात सुनी जाएगी। इसके लिए लोगों को लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा। उनकी सुविधा के लिए यहीं संभल में ही एक कैंप लगाया जाएगा जहां चार से पांच घंटे तक रहकर लोग अपना पक्ष रख सकते हैं।” बता दें कि 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान Sambhal Violence का प्रकरण सामने आया था। इसके बाद कई दिनों में तक संभल में तनावपूर्ण माहौल रहा। शासन स्तर से मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच आयोग का गठन कर संभल हिंसा की जांच कराने की घोषणा की गई थी।
संभल में लगा अधिकारियों का मजमा
गौरतलब है कि संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच करने पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम के अलावा कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। डीआइजी मुनिराज, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और डीएम राजेंद्र पेंसिया ने जांच आयोग के सदस्यों संग हिंसा प्रभावित इलाके का भी दौरा है। इस दौरान अधिकारियों ने भारी पुलिस सुरक्षा के बीच शाही जामा मस्जिद में भी प्रवेश किया। दावा किया जा रहा है कि जांच आयोग अपनी कार्रवाई को पूर्ण करने के बाद शासन को रिपोर्च सौंप सकता है।