Tuesday, May 20, 2025
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साक्षरता दर बन रहा उत्तराखंड की विकास में रोड़ा! क्या कहते हैं ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के आंकड़े; देखें पूरी रिपोर्ट

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Uttarakhand News: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के विकास को लेकर तमाम दावे किए जाते हैं। इसके तहत राज्य में विभिन्न परियोजनाओं की मदद से लोगों की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करने का प्रयास किया जाता है। इसी क्रम में नेशनल सैंपल सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने सूबे में एक सर्वे कराया है। इससे संबंधित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) की रिपोर्ट लोगों को चौंका सकती है। जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के ग्राणीण इलाकों में 12.2 फीसदी लोग साक्षर हैं तो वहीं शहरी इलाके में 11.9 फीसदी लोग साक्षर हैं। यहां कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई करने वालों को साक्षर कहा गया है। अब इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद से कहा जा रहा है कि कहीं ये कम साक्षरता दर तो राज्य के विकास में रोड़ा नहीं बन रहा।

ये है सर्वे की रिपोर्ट

नेशनल सैंपल सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण को कई कसौटियों पर रखा गया है। इसके तहत राज्य के 15 साल से अधिक उम्र वालों के उच्चतम शिक्षा का विवरण उपलब्ध है। दावा किया गया है कि ये सर्वे जुलाई 2022 से जून 2023 की समयावधि के दौरान संपन्न हुआ है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र से 2904 लोगों को तो शहरी क्षेत्र से 2280 लोगों को सम्मिलीत किया गया है। सर्वेक्षण संस्थान द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार राज्य के शहरी इलाकों में 11.9 फीसदी लोग साक्षर हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में 12.2 फीसदी लोग साक्षर हैं।

निरक्षरों की तादाद चौंकाने वाली

सर्वेक्षण संस्थान द्वारा किए गए इस सर्वे को लेकर खबर है कि इसमें निरक्षरों की तादाद चौंकाने वाली है। मिली जानकारी के अनुसार सूबे के शहरी इलाकों में 12.8 फीसदी लोग निरक्षर हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में निरक्षरों की संख्या 17.8 फीसदी है। ऐसे में इस सर्वे रिपोर्ट से दावा किया जा रहा है कि सूबे में ग्रामीण शहरी इलाकों के तय प्रतिशत में लोग प्राथमिक स्तर तक की पढ़ाई कर पाए हैं।

सर्वे का प्रारुप

नेशनल सैंपल सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा संपन्न कराए गए इस सर्वे का प्रारुप अलग है। इसके तहत सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए देश के अलग-अलग 6982 गांव और 5732 ब्लॉक को शामिल किया गया है। वहीं लोगों की संख्या की बात करें तो इसमें गांवो से 55844 घरों में रहने वाले 243971 लोग तो ब्लॉक के 45811 घरों में रहने वाले 175541 लोगों को शामिल किया गया है।

सर्वे रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद से अब इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि कम साक्षरता दर राज्य के विकास में कांटा साबित हो सकता है। हालाकि उत्तराखंड शासन पूर्णतः इस प्रयास में है कि राज्य की विकास को एक नई ऊंचाई दी जाए।

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