Home देश & राज्य उत्तराखंड Uttarakhand Kisan Pension Yojana के तहत कृषकों को सशक्त कर रही सरकार!...

Uttarakhand Kisan Pension Yojana के तहत कृषकों को सशक्त कर रही सरकार! हर महीने मिल रहा 1200 रुपए का सहयोग; ऐसे झटपट उठाएं लाभ

Uttarakhand Kisan Pension Yojana देवभूमि के कृषकों के लिए कारगर साबित हो रही है। धामी सरकार इस खास योजना के तहत पात्र किसानों को 1200 रुपए प्रति माह का आर्थिक सहयोग उपलब्ध करा रही है।

Uttarakhand Kisan Pension Yojana
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Uttarakhand Kisan Pension Yojana: किसानों के सशक्तिकरण हेतु सरकारें तमाम तरह की योजनाएं लाती हैं। उत्तराखंड सरकार भी इस क्रम में देवभूमि के कृषकों के साथ खड़ी है। उत्तराखंड में राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित किसान पेंशन योजना उसी प्रयास का एक हिस्सा है। इस खास योजना के तहत धामी सरकार पात्र किसानों को 1200 रुपए प्रति माह की पेंशन उपलब्ध करा रही है। सलाना 14400 रुपए सरकार से पाकर किसान सशक्त होने के साथ कृषि विकास को रफ्तार देने में सहायक हो रहे हैं। उत्तराखंड किसान पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ तय नियम व शर्ते हैं जिसके बारे में हम आपको बताएंगे।

देवभूमि के कृषकों को सशक्त कर रही Uttarakhand Kisan Pension Yojana

पर्यटन का प्रमुख केन्द्र माने जाने वाले देवभूमि में किसानों को भी सशक्त करने का किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य सरकार उत्तराखंड किसान पेंशन योजना की मदद से कृषकों को हर माह 1200 रुपए का पेंशन उपलब्ध कराती है। ऐसे किसान जो उत्तराखंड के निवासी हैं और उनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है और वे 2 हेक्टेयर तक की भूमि का स्वामित्व रखते हुए खेती करते हैं, तो सरकार उन्हें किसान पेंशन योजना के तहत 1200 रुपए प्रति माह का पेंशन देगी। उत्तराखंड सरकार के इस कदम से राज्य के पात्र कृषक योजना लाभ लेकर खुद को सशक्त कर कृषि विकास को रफ्तार देने में सहायक हो सकते हैं।

कैसे उठाएं किसान पेंशन योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ उठाने के लिए सर्वप्रथम पात्रता की श्रेणी में आना होगा। इसके बाद आवेदन की प्रक्रिया पूर्म करनी होगी। आवेदन स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से विभाग के पेंशन पोर्टल, उमंग मोबाइल ऐप या अपुनि सरकार पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदक को इस दौरान अपना मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, खतौनी की सत्यापित प्रति, निवास प्रमाण पत्र, 10 रुपए का स्टांप हलफनामा, भूमि दस्तावेज, बैंक खाता विवरण व परिवार रजिस्टर की प्रति (केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए) दस्तावेज के रूप में लगाना होगा।

सनद रहे कि भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र राजस्व अधिकारी या सहायक कृषि अधिकारी द्वारा जारी की गई हो और इसे निर्धारित पत्र में प्रमाणित करते हैं। ये सभी दस्तावेज उस जिले से जारी होने चाहिए जहाँ आवेदन जमा किया जा रहा है। इसके बाद संबंधित विभाग आवेदन की जांच करेगा और सब कुछ सही पाए जाने पर पात्र आवेदक के बैंक खाते में किसान पेंशन योजना की सहयोगी राशि भेजी जाएगी। ऐसे कर पात्र किसान उत्तराखंड सरकार की इस पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है।

Exit mobile version