Varanasi Kolkata Expressway: सड़कों का जाल पूरे देश में बिछ रहा है, ताकि कनेक्टिविटी के साथ अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिले। इसी क्रम में वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की चर्चा भी जोरों पर है। उत्तर प्रदेश को बिहार और झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से जोड़ने वाला ये एक्सप्रेसवे इन राज्यों के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे जिस रूट से होकर गुजरेगा वहां के विकास में चार चांद लगेगा, कनेक्टिविटी बढेगी और ट्रैफिक को रिडायरेक्ट करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रॉपर्टी की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होगी जो मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए एक आधार बनेगा। दावों के मुताबिक वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे का निर्माण मार्च 2028 तक हो सकता है।
यूपी ही नहीं, बिहार और झारखंड के लिए भी गेमचेंजर साबित होगा Varanasi Kolkata Expressway
पूर्वांचल के चंदौली से कोलकाता के निकट उलुबेरिया को जोड़ने वाला वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे यूपी, बिहार और झारखंड के लिए गेमचेंजर साबित होगा। यूपी में चंदौली से निकलकर बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी होते हुए एक्सप्रेसवे झारखंड में प्रवेश करेगा। यहां चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, पीटरबार, रांची और बोकारो को जोड़ते हुए वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे बंगाल में पुरुलिया के छोर तक पहुंचेगा।
फिर पुरुलिया से बांकुरा, आरामबाग से होकर उलुबेरिया (हावड़ा के निकट कोलकाता) पहुंचने वाला ये 610 किमी लंबा एक्सप्रेसवे एनएच-19 पर समाप्त होगा। वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे की आधारशिला 2024 में ही रखी जा चुकी है और भूमि अधिग्रहण व अन्य कार्यों को रफ्तार दी जा रही है। ये एक्सप्रेसवे यूपी, बिहार के साथ झारखंड के जिस हिस्से से होकर गुजरेगा वहां कनेक्टिविटी, रोजगार व अन्य अवसर पैदा कर इलाके की तस्वीर बदलेगा।
एक्सप्रेसवे निर्णाण पूरा होने के बाद अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
यूपी में वाराणसी के निकट चंदौली के बरहुली गांव से शुरू होने वाले एक्सप्रेसवे को बंगाल के उलुबेरिया से जोड़ा जाएगा। इस दौरान वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार, झारखंड और बंगाल के अलग-अलग जिलों से होकर गुजरेगा। गौरतलब है कि ये एक्सप्रेसवे जिन जिलों से होकर गुजरेगा वहां कनेक्टिविटी को रफ्तार मिलेगी जो व्यवसाय को गति दे सकता है। एक्सप्रेसवे रूट पर रेस्तरा, हॉस्पिटल, स्कूल, पेट्रोल पंप आदि समेत कई व्यापारिक प्रतिष्ठानें बनाई जा सकती हैं।
इससे इतर उन तमाम इलाकों में पिकनिक स्थल, टूरिस्ट स्पॉट आदि बनाए जा सकते हैं जहां से वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे गुजरेगा। ये सारे प्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेंगे और व्यापारिक क्रिया-कलाप को बढ़ावा देंगे। ऐसी स्थिति में सरकारें अधिक राजस्व की प्राप्ति कर अपना कोष भरेंगी जिसका इस्तेमाल विकास के अन्य तमाम कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
