Char Dham yatra : चारधाम यात्रा हिन्दुओं के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। हर एक हिन्दू और सनातन धर्म में आस्था रखने वाला व्यक्ति इस पवित्र यात्रा पर जीवन में एक बार जरुर जाना चाहता है। अगर आप भी बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम और द्वारकाधीश की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को जरुर जान लें। आज हम आपको मोक्ष दिलाने वाली इस आध्यात्मिक यात्रा के लिए मौसम के लिहाज से कौन से महीने सर्वोत्तम हो सकते हैं, इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
Char Dham yatra का सनातन में महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिन्दू धर्म में चारधाम यात्रा को एक मोक्ष प्राप्त करने के मार्ग के रुप में देखा जाता है। ये यात्रा आध्यात्मिक अनुभव देती है। ऐसा माना जाता है कि, जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में Badrinath, Jagannath Puri, Rameswaram और Dwarkadheesh के दर्शन कर ले तो उसके पाप नष्ट हो जाते हैं। ये चारों धाम चारों दिशाओं उत्तर , दक्षिण , पूर्व और पश्चिम में बसे हुए हैं। इन पवित्र चारों धामों को धरती पर सनातम धर्म के प्रमुख गुरु माने जाने वाले आदि शंकराचार्य ने बसाया था। वैसे तो भक्तों को इन चारों धामों की यात्रा एक साथ करनी चाहिए लेकिन परिस्थितियों के चलते वो अलग-अलग भी इन्हें कर सकते हैं।
Badrinath Dham yatra किस मौसम में करना है सर्वोत्तम
उत्तराखंड राज्य में बद्रीनाथ धाम मौजूद है। ये मंदिर भगवान विष्णु के रूप कहे जाने वाले बद्रीनारायण यानी बद्री विशाल को समर्पित किया गया है।

बद्रीनाथ 6 महीने खुलता है। मंदिर के कपाट मई से लेकर नवंबर तक खुल रहते हैं। लेकिन यहां भगवान के दर्शन करने का सर्वोत्तम समय मई, जून या फिर सितंबर और अक्टूबर का माना जाता है। क्योंकि उत्तराखंड में मानसून के दौरान मौसम यात्रा में बाधा बन जाता है। इसलिए इन महीनों में आप भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर सकते हैं यहां पर आस-पास आपको ठहरने की व्यवस्था मिल जाएगी। यहां पर आप सड़क मार्ग और प्लेन से जा सकते हैं। कपाट खुलने के बाद यहां पर काफी व्यवस्थाएं रहती हैं। प्रसाद के रुप में यहां पर तुलसी की माला, चने की कच्ची दाल और मिश्री चढ़ाई जाती है।
Jagannath Puri के दर्शन इन महीनों में कर सकते हैं
Char Dham yatra का दूसरा प्रमुख धाम जगन्नाथपुरी माना जाता है। ये पवित्र स्थान भगवान श्री कृष्ण, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा को समर्पित है।

ये प्रमुख धार्मिक स्थान ओडिशा के पुरी राज्य में मौजूद है। यहां पर गर्मी और माननसून के मौसम में आने से बचना चाहिए। आप अक्टूबर से मार्च के बीच में भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर दाल-चावल से लेकर ड्राइ फ्रूट्स तक प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं।
Rameswaram Dham yatra इन मौसम में कर सकते हैं
पवित्र स्थान रामेश्वरम धाम साउथ इंडिया के तमिलनाडु में पड़ता है। ये धाम भगवान शिव को समर्पित हैं। यहां पर महादेव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

इसलिए भक्त रामनाथस्वामी मंदिर में भारी संख्या में पहुंचते हैं। भगवान भोले के दर्शन करने का उपयुक्त समय अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक का माना जाता है। क्योंकि यहां पर गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसलिए इस पवित्र तीर्थस्थल में मानसून और गर्मी में जाने से बचना चाहिए। यहां पर बाटी-चोखा का प्रसाद चढ़ता है।
Dwarkadheesh Dham की यात्रा कब कर सकते हैं
सनातन धर्म में द्वारकाधीश को भी चार धाम में स्थान दिया गया है। ये धाम भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है।

Dwarkadheesh भारत के गुजरात राज्य के द्वारका में है। ये धाम अरब सागर के करीब है। यहां पर चावल चढ़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि, इसी स्थान पर पर भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा से मुलाकात की थी।
चारधाम यात्रा के लिए Indian Railway की Bharat Gaurav Tourist स्पेशल ट्रेन की यहां से करें बुकिंग
Chardham Yatra के श्रद्धालुओं के लिए Indian Railway ने एक Special Train चलाई हुई है। इस रेल का नाम Bharat Gaurav Tourist Train हैं। IRCTC की तरफ से चलने वाली इस खास ट्रेन को दिल्ली से चलाया जाता है। जो कि, एक-एक करके Badrinath, Jagannath Puri, Rameswaram और Dwarkadheesh धाम के दर्शन करवाती है। इस स्पेशल ट्रेन का किराया 50 हजार रुपए के आस-पास है। ये यात्रा 16 रात और 17 दिनों की होती है। भारत गौरव डीलक्स टूरिस्ट ट्रेन की बुकिंग IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।