गुरूवार, मई 16, 2024
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Kumbh Sankranti 2024: कब हैं कुंभ संक्रांति? यहां जानें इसकी तिथि, महत्व और पूजन विधि

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Kumbh Sankranti 2024: इस समय सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं। हर महीने की तरह सूर्य देव एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वहीं माघ के महीने में कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। इस दौरान पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के सारे दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को सुख-सौभाग्य प्राप्त होता है। माना जाता है कि, इस दिन सूर्य भगवान की पूजा और उपासना करने से आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वहीं, अब सूर्य देव मकर से होकर कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। जिसकों ‘कुंभ संक्रांति’ कहा जाता है। तो ऐसे में चलिए जानते हैं किस दिन मनाई जाएगी कुंभ संक्रांति।

Kumbh Sankranti 2024 कुंभ संक्रांति तिथि

हिंदू पंचांग के मुताबिक, कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को मनाई जाएगी। बताया जा रहा है कि, इस दिन सूर्य दोपहर 03ः54 पर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, ज्योतिषाचार्या का कहना है कि, इस दिन काले तिल का दान करना चाहिए। यह बहुत शुभ माना जाता है।

Kumbh Sankranti 2024 कुंभ संक्रांति शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, कुंभ संक्रांति सुबह 9ः57 से दोपहर 03ः54 तक रहेगी। वहीं इस तिथि का महा पुण्य काल दोपहर 02ः02 बजे से 03ः54 तक रहेगा।

Kumbh Sankranti 2024 कुंभ संक्रांति महत्व

सनातन धर्म में जैसे एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का महत्व होता है। ऐसे ही महत्व संक्रांति का भी बताया गया है। माना जाता है कि, कुंभ संक्रांति के दिन जब सूर्य देव अपने पुत्र शनि की प्रिय राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दिन स्नान करने के बाद मान-सम्मान में वृद्धि होती है। साथ ही अखंड-सौभाग्य प्राप्त होता है।

Kumbh Sankranti 2024 कुंभ संक्रांति पर इन चीजों का करें दान

कुंभ संक्रांति पर दान करने का भी महत्व बताया गया है। जिसमें इस दिन गेंहू, गुड़, लाल फूल, लाल वस्त्र, तिल, तांबा जैसी चीजों का दान करना शुभ माना गया है।

Kumbh Sankranti 2024 करियर में होगी तरक्की

माना जाता है कि, ऐसा करने से सूर्य मजबूत होते हैं और इससे करियर में तरक्की होती है। पिता का प्यार और सहयोग प्राप्त होता है। जो लोग राजनीति करते हैं उनका बड़े पद की प्राप्ति का योग बनता है।

कुंभ संक्रांति पूजन-विधि

  • कुंभ संक्राति के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। अगर आप गंगा जी नहीं जा सकते तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं।
  • इसके बाद पानी में गंगा जल और काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
  • ऐसा करने के बाद मंदिर में धूप-दीपक जलाकर सूर्य देव के 108 नामों का जाप करना चाहिए। इसके बाद सूर्य
  • चालिसा का पाठ करना चाहिए।

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DNP न्यूज़ डेस्क
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