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Normal vs C Section Delivery में कौन सा तरीका मां और बच्चे के लिए है बेस्ट, डॉक्टर्स कब देते हैं ऑपरेशन की सलाह

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Normal vs C-Section Delivery: अकसर आपने लोगों के मुंह से सुना होगा कि सिजेरियन डिलीवरी कराना अच्छा होता है तो कोई कहता है कि नॉर्मल डिलीवरी कराना बच्चे और मां के लिए बेहतर होता है। ऐसे में जितने लोगों से सलाह लेंगे उतनी ही बातें होगी। प्रेग्नेंट महिला को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही डिलीवरी करानी चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन कंडीशन्स में डॉक्टर सी-सेक्शन डिलीवरी कराने की सलाह देते हैं।

प्रेग्नेंसी में मिलती हैं बहुत सी सलाह

जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो लोग उसे बहुत सी सलाह दी जाती हैं। खाने-पीने से लेकर पहनने-ओढ़ने तक, चलने-फिरने से लेकर सोचने तक। इतना ही नहीं आपको अपने बच्चे को डिलीवरी कैसे करानी है लोग इसकी सलाह भी देने लगते हैं लेकिन आपको हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही डिलीवर का तरीका तय करना चाहिए। इसके अलावा आपको खुद भी पता होना चाहिए कि डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह क्यों देते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप यह समझ सकती हैं कि आपको कब सिजेरियन डिलीवरी करानी चाहिए।

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इन कंडीशंस में ऑपरेशन की सलाह देते हैं डॉक्टर

आपको बता दें कि डॉक्टर आसानी से ऑपरेशन की सलाह नहीं देते। वो आपकी और आपके बच्चे की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ही ऑपरेशन या नॉर्मल डिलीवरी की सलाह देते हैं। हालांकि आपको भी यह जानना बेहद जरूरी है कि डॉक्टर सिजेरियन की सलाह कब देते हैं।

  • ब्रीच कंडीशन में डॉक्टर सिजेरियन की सलाह देते हैं। कई बार जब बच्चा पेट में उल्टा हो जाता है तो यह स्थिति खतरनाक हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह देते हैं।
  • प्रीटर्म लेबर यानी अगर कोई महिला दो या दो से अधिक बच्चों को जन्म देती है और फीटस नॉर्मल डिलीवरी के लिए अच्छी पोजिशन में नहीं होते तो ऑपरेशन यानी सी-सेक्शन करना होता है।
  • अगर डिलीवरी के समय बच्चे का साइज ज्यादा बड़ा होता है तो इसमें शोल्डर डिस्टोशिया होने पर बच्चे का सिर वजाइना से बाहर और कंधा अंदर फंस जाता है तो ऐसे समय में नेचुरल डिलीवरी मुमकिन नहीं होती और सी-सेक्शन डिलीवरी करनी होती है।
  • अगर नॉर्मल डिलीवरी से गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा होता है तो सी-सेक्शन डिलीवरी की जाती है। जैसे अगर बच्चे की हार्ट बीट असामान्य है या बच्चा गर्भनाल में फंस जाता है तो सी-सेक्शन डिलीवरी की जाती है।
  • अगर लेबर पेन होने पर सर्विक्स खुल नहीं पा रही तो ऐसे समय में डॉक्टर सिजेरियन की सलाह देते हैं।
  • अगर गर्भवती महिला की मेडिकल कंडिशन खराब है तो सी-सेक्शन डिलीवरी कराई जाती है।
  • अगर कोई महिला एचआईवी या हर्पिस जैसी बीमारियों से संक्रमित होती है तो ऑपरेशन किया जाता है क्योंकि अगर नॉर्मल डिलीवरी की जाती है तो यह संक्रमण बच्चे में भी फैल सकता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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