Tuesday, May 20, 2025
Homeविदेशक्या भारत में शामिल होना चाहता है Balochistan? रिपोर्ट जानकर पाकिस्तान की...

क्या भारत में शामिल होना चाहता है Balochistan? रिपोर्ट जानकर पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ जाएगी

Date:

Related stories

Balochistan History: मौजूदा पाकिस्तानी सरकार की निराशा से जूझ रहे बलूचिस्तान ने शहबाज़ शरीफ़ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसलिए इन दिनों पूरी दुनिया में ‘बलूचिस्तान’ चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आज हर कोई यह जानने को उत्सुक नजर आ रहा है कि, क्या वाकई बलूचिस्तान पाकिस्तान में शामिल होना चाहता था? इसका जवाब खुद बलूचिस्तानी देते रहे हैं। जिसमें कहा गया है कि Balochistan पाकिस्तान में शामिल होने के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था। जबकि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरन शामिल किया था। इसके अलावा एक और सवाल, जिस पर पाकिस्तान और भारत समेत दुनिया के कई देशों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है वो ये कि, क्या भारत में शामिल होना चाहता है बलूचिस्तान?

Balochistan History: क्या पाकिस्तान में शामिल होना चाहता था बलूचिस्तान?

दरअसल, ऊपर के पैराग्राफ में उल्लिखित प्रश्न व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की देन मात्र है। मौजूदा हालात में इस प्रश्न की कोई प्रासंगिकता नहीं दिखती। हालांकि, चूंकि यह प्रश्न इंटरनेट के युग में उठाया जा रहा है, इसलिए हम इसे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की देन कहकर अनदेखा कर सकते हैं। लेकिन सच यह है कि इस प्रश्न का इतिहास कई साल पुराना है। इसकी शुरुआत ब्रिटिश हुकूमत के जाने और भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय से हुई थी। दरअसल, भारत के बंटवारे के बाद करीब 227 दिनों तक कलात रियासत यानी बलूचिस्तान एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के तौर पर दुनिया के नक्शे में शामिल था।

यह भी सच है कि बलूचिस्तान खुद को स्वतंत्र रखना चाहता था। लेकिन यह भी सच है कि ब्रिटिश हुकूमत के जाने के बाद न तो भारत में और न ही Pakistan में रियासतें स्वतंत्र रह सकीं। कहा जाता रहा है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भी शुरुआती दौर में यही चाहते थे कि बलूचियों की भावनाओं को किसी भी तरह से ठेस न पहुंचे। इसलिए वह इस बात पर सहमत थे कि Balochistan एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर दुनिया के नक्शे में बना रह सकता है। BBC News Hindi ने अपनी एक रिपोर्ट में इसका ज़िक्र किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “मोहम्मद अली जिन्ना ने कलात और हैदराबाद दोनों को कानूनी सलाह दी थी कि 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन के ख़त्म होने के बाद भी वे स्वतंत्र संप्रभु राज्य के तौर पर रह सकते हैं।”

Balochistan History: क्या भारत में शामिल होना चाहता है बलूचिस्तान?

यह सवाल गाहे-बगाहे लोगों के मुंह से निकलता होगा। लेकिन इसका जवाब जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्षेत्रफल की दृष्टि से बलूचिस्तान वर्तमान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन इसकी जनसंख्या देश के अन्य चार प्रांतों के मुकाबले सबसे कम बताई गई है। इसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है। इसका पूरा क्षेत्रफल पाकिस्तान के Balochistan प्रांत, ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत और अफगानिस्तान, निमरूज और हेलमंद के कुछ इलाकों से मिलकर बना है।

BBC News Hindi ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि,” बलूचिस्तान का एक बड़ा हिस्सा सर्द रेगिस्तान है, जो ईरानी पठार के पूर्वी छोर पर स्थित है। वर्तमान Pakistan तीन देशों में बंटा हुआ है। इनमें पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत, ईरान का सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत और एक छोटा हिस्सा अफगानिस्तान में है। अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार बलूचिस्तान का हिस्सा रहे हैं। बलूच सुन्नी मुसलमान हैं। शिया बहुल ईरान के बलूचिस्तान में भी बलूच सुन्नी मुसलमान हैं।”

क्या बलूचिस्तान भारत में शामिल होना चाहता है? इन सवालों से मिलते-जुलते एक और सवाल का जवाब बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट में पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त और इतिहासकार टीसीए राघवन के हवाले से दिया गया है। बीबीसी हिंदी ने टीसीए राघवन के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है कि “ऐसा कोई ऐतिहासिक तथ्य नहीं है कि कलात रियासत India में शामिल होना चाहती थी। सच तो यह था कि कलात के खान अलग दर्जा चाहते थे और इसके लिए वे ईरान, ब्रिटिश साम्राज्य, पाकिस्तान और भारत से बात कर रहे थे। उनका उद्देश्य कलात के लिए एक अलग श्रेणी बनाना था। कलात खुद को बहावलपुर नहीं मानता था। हमें उस स्थिति को समझना चाहिए था… और कुछ नहीं कहना चाहिए था।”

ये भी पढ़ें: Sonipat में ठांय-ठांय: BJP मंडल अध्यक्ष Surendra Jawahara को मारी गोली, हत्या से आक्रोश, Nayab Singh Saini की हुई जमकर किरकिरी

Rupesh Ranjan
Rupesh Ranjanhttp://www.dnpindiahindi.in
Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

Latest stories