Tuesday, May 20, 2025
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Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन को लेकर गुड न्‍यूज, इस दिन उड़ान भरेगा परीक्षण यान; ISRO चीफ ने दिया बड़ा अपडेट

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ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, 29 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। इस दिन ISRO अपने 100वें रॉकेट लॉन्च के रूप में GSLV-F15 रॉकेट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा।

Gaganyaan Mission: ISRO भारत के पहले हुमन स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की तारीख के बारे में खुलासा कर दिया है। बता दें कि क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग 21 अक्टूबर को सुबह 7:00 बजे से 9:00 के बीच की जाएगी। सदा भाषा में कहें तो मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को धरती पर सुरक्षित लाने की टेस्टिंग की जाएगी।

इसरो गगनयान मिशन की कर रहा है तैयारी


सूर्य मिशन आदित्य एल –1 के बाद अब इसरो गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है। इस बारे में ISRO के चीफ एस सोमनाथ ने भारत के गगनयान मिशन को लेकर कई बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के रहस्यों की खोज के लिए 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएगी। इसके बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट भेजी जाएगी। रविवार को सोमनाथ ने बताया कि 21 अक्टूबर को पहले टेस्ट विल डेवलपमेंट फ्लाइट के बाद हमने D2, D3 और D4 की प्लानिंग की है।

जानकारी के लिए बता दें कि इस टेस्ट में क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस में लॉन्च करके पृथ्वी के पास लाना और बंगाल में खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे रिकवर करना शामिल है। बता दें कि क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को आउटर स्पेस में ले जाया जाएगा। गगन मिशन के लिए क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करते देखने के लिए टेस्टिंग की जरूरत होगी।

ISRO के चीफ ने बताया पूरा प्लान


गगनयान में क्रूस के सिस्टम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रणाली का हिस्सा है। यदि रॉकेट को कुछ भी होता है तो रॉकेट के विस्फोटक में जलने से पहले काम से कम 2 किलोमीटर दूर चालक दल को ले जाकर बचाना है। इसलिए यह परीक्षण क्रू मेंबर्स एस्केप की प्रणाली को प्रदर्शित करने के लिए है। बता दें कि इस साइंटिफिक लैंग्वेज में ट्रांसोनिक स्थित कहा जाता है।

ISRO के चीफ ने बताया कि मिशन गगनयान के फाइनल लॉन्च से पहले हर महीने कम से कम एक उड़ान लॉन्च होती रहेगी। उन्होंने कहा कि हर महीने हम कम से कम एक प्रक्षेपण करेंगे। गगनयान परीक्षण वाहन के प्रक्षेपण (21 अक्टूबर) के बाद, हमारे पास जीएसएलवी है। फिर हमारे पास एसएसएलवी है। उसके बाद, गगनयान मानवरहित मिशन होगा। बीच में एक पीएसएलवी प्रक्षेपण होगा। इसलिए जनवरी से पहले, आप कम से कम 4-5 लॉन्च देखेंगे।” आगे उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन के तहत इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।

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Prakash Singh
Prakash Singhhttp://www.dnpindiahindi.in
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश DNP India वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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