Sharad Pawar: क्या शरद पवार केंद्र की मोदी सरकार को समर्थन देने जा रहे हैं? राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की हाल ही में हुई मुलाकात ने Maharashtra की राजनीति में हलचल मचा दी है। सूत्रों का दावा है कि महायुति गठबंधन में शामिल प्रमुख दल हर संभावना पर विचार कर अपना रास्ता निकालने में जुटे हैं। हालांकि, अगर एकनाथ शिंदे और अजित पवार मौजूदा महायुति से मोहभंग हो जाते हैं तो महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री Devendra Fadnavis के लिए सरकार बचाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
एक गिलास पानी से सियासी शुरुआत
सूत्रों का दावा है कि महाराष्ट्र में नए समीकरण की संभावनाएं नई दिल्ली से शुरू होती हैं। जब प्रधानमंत्री मोदी अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में एनसीपी प्रमुख Sharad Pawar का खास ख्याल रखते नजर आते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंच पर मौजूद PM मोदी पानी की बोतल से शरद पवार के गिलास में पानी भर रहे हैं। वहीं, राजनीतिक गलियारों में ज्यादातर नेता इसे महाराष्ट्र में 84 वर्षीय दिग्गज नेता की शानदार वापसी का अप्रत्याशित संकेत बता रहे हैं।
पानी देने वाले वीडियो पर Sharad Pawar बोले
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शरद पवार के गिलास में पानी भरने को लेकर चल रही राजनीतिक बहस पर खुद दिग्गज नेता ने मोर्चा संभाला और अपनी प्रतिक्रिया दी। शरद पवार ने दिलचस्प अंदाज में पलटवार करते हुए कहा, ”उन्होंने मुझे भटकती आत्मा भी कहा था। वे मेरी उंगली छूकर राजनीति में आए और कल पानी देने का भी काम किया, आप खुद ही देख सकते हैं।” 84 वर्षीय दिग्गज नेता ने ये बातें मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं। जानकारी हो कि PM Modi ने एक रैली में शरद पवार पर तंज कसते हुए उन्हें भटकती आत्मा कहा था।
सियासी मजबूरी दोनों के लिए है दिलचस्प
हाल के दिनों में भाजपा और शरद पवार के बीच बढ़ती नजदीकियों को लेकर राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। इसके पीछे सच यह है कि भाजपा और शरद पवार की एनसीपी दोनों ही पार्टियों को किस्मत का साथ बराबर चाहिए। इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। इस बारे में सूत्रों का कहना है कि Sharad Pawar की अगुवाई वाली एनसीपी के पास फिलहाल आठ सांसद हैं।
आपको बता दें कि छह सांसदों को लेकर कई बार ऐसी खबरें आ चुकी हैं, जो विभिन्न मुद्दों पर शरद पवार की एनसीपी से अलग होने की संभावनाओं पर तौलती रही हैं। शरद पवार राजनीति में किसी चाणक्य से कम नहीं हैं। वह हर आने वाली पटकथा को समय रहते भांपने में माहिर रहे हैं। ऐसे में अगर ये सांसद शरद पवार की NCP छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो महाराष्ट्र से लेकर नई दिल्ली तक सियासी भूचाल मच जाएगा।
लेकिन अगर ये सांसद अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी का हिस्सा बनते हैं तो कहा जाएगा कि एनसीपी का असली स्वरूप अब यही है। यहां ध्यान रहे कि पिछले साल ही Maharashtra Assembly अध्यक्ष और कोर्ट ने अजित पवार की अगुवाई वाली पार्टी को असली एनसीपी करार दिया था। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी महाराष्ट्र में अपने सांसदों को बचाना चाहती है तो केंद्र की Modi सरकार से नजदीकी बढ़ाना उसकी मजबूरी हो सकती है। क्योंकि इस समय महाराष्ट्र से लेकर नई दिल्ली तक हर जगह बीजेपी की सरकार है।
ये बन सकते हैं Eknath Shinde के सांसदों का विकल्प
सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार केंद्र की पीएम मोदी सरकार को अपना समर्थन देते हैं तो उनके नेतृत्व वाली एनसीपी के सांसद सुरक्षित रहेंगे। वहीं दूसरी ओर सूत्रों का दावा है कि BJP केंद्र की एनडीए सरकार के संख्या बल को मजबूत करने के लिए शरद पवार का समर्थन चाहती रही है। इसमें केंद्र की NDA सरकार में मौजूदा नंबर गेम का एक और समीकरण भी उभर कर सामने आया है। जिसका संबंध अब संभावनाओं पर निर्भर करता दिख रहा है। मालूम हो कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 7 सांसद लोकसभा में जीतकर आए हैं। जबकि इस समय Sharad Pawar की एनसीपी के 8 सांसद हैं। ऐसे में अगर शरद पवार केंद्र की एनडीए सरकार को अपना समर्थन देते हैं तो Eknath Shinde की शिवसेना के सांसदों की जगह की भरपाई संभव हो सकेगी।