Manipur CM N Biren Singh: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार शाम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। यह कदम राज्य में पिछले साल के अंत में हुई जातीय हिंसा के बाद उठाया गया है। इस हिंसा की पूरे देश में आलोचना हुई है।
Manipur CM N Biren Singh ने इसके लिए जनता से माफी मांगी थी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले वे आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उनका अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना कई सवाल खड़े करता है।
इसमें मुख्य सवाल यह है कि अगर एन बीरेन सिंह को राज्य में कानून-व्यवस्था जैसे मामलों की विफलता के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना था, तो उन्होंने पिछले साल के अंत में ऐसा क्यों नहीं किया? आखिर ऐसी क्या परिस्थिति थी कि N Biren Singh को दिल्ली से अपने गृह राज्य लौटते ही CM पद से इस्तीफा देना पड़ा? इन सभी सवालों के जवाबों की जड़ तक पहुंचने से पहले आइए CM एन बीरेन सिंह का इस्तीफा पत्र पढ़ते हैं, फिर हम विभिन्न सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे।
एन बीरेन सिंह ने CM पद से दिया इस्तीफा
सबसे पहले आपको बता दें कि निजी समाचार एजेंसी एएनआई ने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट करके Manipur CM N Biren Singh द्वारा राज्यपाल को सौंपे गए इस्तीफे की कॉपी शेयर की है। इस पत्र को शेयर करते हुए समाचार एजेंसी ANI ने कैप्शन में लिखा, ”मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।”
N Biren Singh ने अपने त्यागपत्र में केंद्र से की भावुक अपील
मालूम हो कि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को सौंपे अपने त्यागपत्र में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लिखा, मैं नोंगथोम्बम बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंप रहा हूं। राज्य के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का अत्यंत आभारी हूं, जिसने समय पर Manipur में कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाएं संचालित कीं, ताकि Manipur के प्रत्येक नागरिक के हितों की रक्षा की जा सके। केंद्र सरकार से मेरी विनम्र अपील है कि वे इसी तरह काम करते रहें। मैं आपके समक्ष कुछ महत्वपूर्ण बिंदु रखना चाहता हूं-
- मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए, जिसका हजारों वर्षों का समृद्ध और सभ्य इतिहास रहा है।
- सीमा पर घुसपैठ को रोका जाना चाहिए और देश से अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए नीति बनाई जानी चाहिए।
- नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीली दवाओं के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखी जानी चाहिए।
- एमएफआर की एक सख्त और पूरी तरह से सुरक्षित नई प्रणाली लागू की जानी चाहिए, जिसमें बायोमेट्रिक जांच सख्ती से की जानी चाहिए।
- सीमा पर कार्य समयबद्ध एवं तीव्र गति से जारी रहना चाहिए।
एन बीरेन सिंह के CM पद से इस्तीफे की वजह
मणिपुर में पिछले दो सालों से जातीय हिंसा की आग सुलग रही है। इसमें अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें मजबूरन विस्थापित होना पड़ा है। पिछले साल नवंबर में Manipur के जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के मामले में भी एन बीरेन सिंह सरकार की काफी आलोचना हुई थी।
इस पर राज्य में हुए दंगों आदि की तस्वीरें देश-दुनिया में बीरेन सिंह सरकार के सुशासन की छवि को उजागर करने को आतुर दिखीं। मई 2023 के बाद मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा के चलते वे काफी दबाव में सरकारी कामकाज बढ़ाते नजर आए। राज्य में हालात ऐसे हो गए थे कि उन्हें सत्ता के पद से हटाने की मांग उठने लगी थी।
इतना ही नहीं एनडीए की सहयोगी NPP ने भी नेतृत्व परिवर्तन की मांग के साथ मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। हालांकि, इसके बाद से ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि एक तरफ देश में मोदी लहर है, वहीं दूसरी तरफ एनपीपी राज्य की सत्ताधारी पार्टी से अपना समर्थन वापस ले रही है।
ऐसे में Modi सरकार के किसी ठोस कदम या फैसले का इंतजार किया जा रहा था। आज Manipur CM N Biren Singh ने सबसे पहले देश के केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah से मुलाकात की। इसके बाद वे मणिपुर के राजभवन आए और राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। फिर उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की प्रक्रिया पूरी किए जाने को मोदी लहर की सुनामी के संदर्भ में देखा जा रहा है।