Donald Trump Birthright Citizenship: एक तरफ अमेरिका में लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2.0 के कार्यकाल का जश्न मना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके नए आदेश को लेकर सड़कों से लेकर अमेरिकी अदालतों तक गरमागरम बहस चल रही है। इसमें Donald Trump Birthright Citizenship शामिल हैं।
दरअसल, बीते 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति पद संभालने वाले ट्रंप ने सोमवार को अपने पहले दिन राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान, US Agencies को आदेश दिया कि वे अमेरिका में जन्म लेने वाले उन बच्चों की नागरिकता को मान्यता न दें जिनके माता या पिता के पास अमेरिकी नागरिक या कानूनी स्थायी निवासी होने का सबूत नहीं है। साथ ही, अमेरिकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को लेकर आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
US President Donald Trump को अदालत से झटका
इन सबके बीच, US President Donald Trump की जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को लागू करने की योजना विफल हो गई है। US Court न्यायाधीश जॉन कफ़नौर ने ट्रंप प्रशासन को आदेश को लागू करने से रोकने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया है। इसके बाद से, ट्रंप 2.0 का कार्यकाल अमेरिका और दुनिया भर में नए मुद्दों के साथ चर्चा में रहा है।
अदालत के आदेश पर नजर रखा जाए, तो उसने चार डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों के अनुरोध के संबंध में देश में जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार के कार्यान्वयन को रोकने का आदेश जारी किया है। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के आदेश को न्यायाधीश ने साफ तौर पर असंवैधानिक करार दिया है।
अदालत के फैसले से America में रह रहे भारतीयों को ये अहम फायदे
अमेरिकी जिला न्यायालय द्वारा Donald Trump Birthright Citizenship के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के फैसले के बाद अमेरिका में अस्थायी रूप से रह रहे Indians में खुशी की लहर है। ऐसे लोगों की एक लंबी सूची है जो आजीविका आदि के लिए अमेरिका में रह रहे हैं। ऐसे में US President Donald Trump का यह नया आदेश उनके भविष्य में बाधा बन सकता था। हालांकि मामले में सुनवाई जारी है और न्यायालय ने देश में जन्मसिद्ध नागरिकता के अधिकार को लागू करने के आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में आदेश जारी कर दिया है।
Federal District Court में पक्षों की दलीलें
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा Birthright Citizenship के अधिकार को लेकर दिए गए आदेश को Federal District Court में चुनौती देने वाले पक्षों का तर्क है कि मौजूदा राष्ट्रपति की कार्रवाई अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के नागरिकता खंड में निहित अधिकार का उल्लंघन करती है।
पक्षों के तर्क अनुसार, मुताबिक अमेरिकी संविधान में मौजूद प्रावधान के मुताबिक देश में जन्मा कोई भी व्यक्ति अमेरिकी नागरिक का दर्जा हासिल कर सकता है। मालूम हो कि ट्रंप के आदेश के बाद, 19 फरवरी के बाद अमेरिका में जन्मे किसी बच्चे के माता-पिता अगर अमेरिका के स्थायी निवासी नहीं हैं तो वे यहां विभिन्न सरकारी सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे। इसमें सामाजिक सुरक्षा नंबर, विभिन्न सरकारी लाभ, भविष्य में देश में संवैधानिक रूप से काम करने की क्षमता में बाधा आदि शामिल हैं।
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