US Reciprocal Tariff On India: इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए वैश्विक टैरिफ विवाद के बीच भारत में राजनीतिक बयानबाजी तेज है। पिछले शनिवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बड़ा बयान दिया। उनका कहना है कि अगर भारत ने अमेरिकी दबाव में टैरिफ कम करने का फैसला किया है, तो यह ठीक नहीं है। मोदी सरकार की इस नीति की आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद आगे कहते हैं कि यह अच्छी व्यापार नीति नहीं है।
तिवारी की टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में किए गए खुलासे के बाद आई है। जिसमें ट्रंप ने कहा था कि भारत अपने टैरिफ में काफी कमी करने पर सहमत हो गया है। जबकि इससे पहले ट्रंप एक बार नहीं बल्कि कई बार भारत की टैरिफ प्रणाली पर हमला बोल चुके हैं और अलग ही राग अलाप चुके हैं। वह अक्सर कहते रहे हैं कि उच्च टैरिफ के कारण भारत को कुछ भी बेचना लगभग असंभव है।
समाचार एजेंसी एएनआई के एक्स हैंडल से एक पोस्ट किया गया है। जिसमें कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के हवाले से कहा गया है कि बाहरी दबाव के कारण भारत द्वारा टैरिफ में कथित कमी पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया गया है।
US Reciprocal Tariff On India: संसदीय समिति के सामने सरकार का जवाब
इस बीच, इन सबके बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या मोदी सरकार ने वाकई अमेरिका से टैरिफ में कमी का वादा किया है? क्या डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिया गया बयान सच है? इस पर अब भारत सरकार ने जवाब दिया है। टीओआई की खबर के मुताबिक भारत ने फिलहाल Donald Trump के टैरिफ दावे से खुद को अलग कर लिया है। साथ ही कहा है कि उक्त मामले में दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। सरकार ने संसदीय समिति के साथ जानकारी साझा करते हुए कहा कि टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से किसी भी तरह का कोई वादा नहीं किया गया है। सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सितंबर तक का समय मांगा है।
US Reciprocal Tariff On India: खुल गई डोनाल्ड ट्रंप की पोल
भारत के टैरिफ मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का वीडियो भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। इस पोस्ट के कैप्शन में एएनआई ने ट्रंप के बयान के कुछ अंश लिखे हैं, “भारत हम पर भारी Tariff लगाता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते… वैसे, वे सहमत हो गए हैं; वे अब अपने टैरिफ में कटौती करना चाहते हैं क्योंकि आखिरकार कोई तो उनके कार्यों को उजागर कर रहा है…”
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले दिन दावा किया था कि भारत ने टैरिफ कम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताई है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत अब टैरिफ कम करने के लिए सहमत हो गया है। हालांकि, अब सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों की पोल खोल दी है। भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने ट्रंप के दावों और मीडिया रिपोर्ट्स पर भरोसा न करने की बात कही है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है। केवल तत्काल टैरिफ समायोजन की मांग करने के बजाय दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।