Headache: क्या आप भी सिर में दर्द की वजह से परेशान रहते हैं और बार-बार पेन किलर्स खाकर आपको लगता है कि आपका सिर दर्द ठीक हो हो जाता है। अगर आप ध्यान दें तो यह कुछ देर के लिए ठीक होता है लेकिन अगर आप अपनी रूटीन पर ध्यान दे तो आप हेडेक को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर हेडेक में वह कौन सी चीज हैं जो आपको ट्रिगर करता है और लाइफस्टाइल में किन रुटिन का डॉक्टर प्रियंका सेहरावत ने बदलने कहा है जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
ज्यादातर Headache की वजह होते हैं आपका डेली रुटिन
डॉ प्रियंका की माने 85% सिरदर्द आपके डेली रूटीन की वजह से ट्रिगर होता है। माइग्रेन भी इस लिस्ट में है। वहीं 95% सिर दर्द आपके डेली लाइफस्टाइल की वजह से प्रभावित होती है। अगर आप अपनी लाइफस्टाइल या रूटीन का ध्यान रखेंगे तो चीजें बेहतर हो सकती है।
1. सुबह का ब्रेकफास्ट भी है सिरदर्द को करता ट्रिगर
सुबह के ब्रेकफास्ट को इग्नोर करना यानी सुबह खाली पेट रहने की वजह से भी आपकी सर में दर्द होता है। ऐसे में इसे छोड़ना कहीं से भी आपके लिए फायदेमंद नहीं है।
2. कब क्या खा रहे आप
आपको इस बात का पता होना चाहिए कि आप किस समय क्या खाना खा रहे हैं। रेगुलर मिल टाइम ना होने से यह आपके सिर में दर्द को ट्रिगर करता है।
3. स्लिप रुटिन को लेकर सिरदर्द से बचने के लिए रखें ध्यान
इसके साथ ही स्लिप रूटीन पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। इस बात का ख्याल रखें कि रात के 8 बजे के बाद कोई भी स्क्रीन ना देखें।
4. सिरदर्द से बचने के लिए पानी पीने पर दें ध्यान
3 लीटर पानी पीना आपको हेल्दी रख सकता है। ऐसे में यह भी लाइफस्टाइल का एक अहम हिस्सा है जो सिरदर्द को ट्रिगर करता है।
5. बाहर जानें से पहले क्या करें
सिरदर्द से बचने के लिए बाहर जाने से पहले आप चश्मे को पहने और छाता ले सकते हैं अगर आप धूप में जा रहे हैं तो इसका ध्यान रखें।
6. क्या करें सिरदर्द से बचने के लिए आप
हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए 30 मिनट का एक्सरसाइज भी हर दिन बेहद जरूरी है। सुबह खाली पेट और शाम के 6 के बाद कैफीन का सेवन भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है और यह हेडेक को ट्रिगर करता है।
ऐसे में आप अपनी लाइफ स्टाइल में इन 6 रुटिन को बदलकर फायदे देख सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।
