Hypertension: क्या आप अभी भी हाइपरटेंशन को लेकर पुरानी सोच तो नहीं रखते हैं। जी हां, वही हाइपरटेंशन जो किडनी की बीमारियों के लिए सबसे बड़ी वजह बनती है। दरअसल अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन / अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (ACC/AHA) की 2025 हाइपरटेंशन गाइडलाइन ने 2017 वाले वर्जन को बदल दिया है। हाइपरटेंशन को लेकर गाइडलाइन में उन सभी चीजों का जिक्र किया गया है जो आपके लिए जरूरी है। ऐसे में बताया गया कि आखिर किस चीज से ज्यादा रिस्क है और कब हाई टारगेट माना जाएगा।
Hypertension के अलग-अलग स्टेज जो आपके लिए है अलर्ट
क्या होता है नॉर्मल बीपी का लेवल
एम्स के डॉक्टर के मुताबिक फिलहाल नॉर्मल बीपी 120 से कम और 80 से कम बताया गया है। यहां सिस्टोलिक टॉप नंबर 120 और डायस्टोलिक बॉटम नंबर 80 है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हो जाए अलर्ट
बढे़ ब्लड प्रेशर की बात करें तो डॉक्टर कहते हैं कि 120 से लेकर 129 सिस्टोलिक टॉप नंबर है तो 80 डायस्टोलिक बॉटम नंबर है।
स्टेज 1 हाइपरटेंशन का कब है खतरा
अगर स्टेज 1 हाइपरटेंशन की बात करें तो सिस्टोलिक टॉप नंबर 130 से 139 है तो डायस्टोलिक बॉटम नंबर 80 से 89 है।
जानिए स्टेज 2 हाइपरटेंशन का लेवल
इसके अलावा स्टेज 2 हाइपरटेंशन की बात करें तो सिस्टोलिक टॉप नंबर 140 से कम है तो डायस्टोलिक बॉटम नंबर 90 है।
हाइपरटेंशन से होने वाले रिस्क
हाइपरटेंशन को लेकर डॉक्टर आगाह करते हुए कहते हैं कि अब कार्डियोवैस्कुलर, किडनी और मेटाबोलिक रिस्क का अंदाज़ा लगाने के साथ जरूरी दवाई समय रहते लोगों को उपलब्ध किया जा सकता है।
किन्हें है हाइपरटेंशन से ज्यादा खतरा
वहीं इसके अलावा हाइपरटेंशन से रिस्की लोगों की लोगों की बात करें तो प्रेग्नेंसी, CKD, रेजिस्टेंट हाइपरटेंशन वालों को ज्यादा खतरा है। ऐसे में उन्हें हर संभव खुद पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि समय रहते ट्रीटमेंट दिया जा सके। डॉक्टर के मुताबिक अगर आप हाइपरटेंशन पर काबू करना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर आपको लाइफ स्टाइल में बदलाव करने होंगे लेकिन अगर 3 से 6 महीने तक ब्लड प्रेशर में कोई कमी नहीं आती है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।
ब्लड प्रेशर को ठीक से मापने के साथ अपने दिल और दिमाग को हेल्दी रखने पर जोर दें। कहीं ना कहीं हाइपरटेंशन की वजह से किडनी की बीमारियां सहित कई रिस्क हो सकते हैं ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है।
Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।






