Bihar Assembly Election 2025: बुद्ध की धरती कही जाने वाली बिहार में पहला चरण का मतदान बेहद खास रहा है। 121 सीटों पर हुए चुनाव में 64.69 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इस रिकॉर्ड मतदान को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या ये बिहार में हुए एसआईआर से नाराजगी है या मतदाताओं की बढ़ती जागरूकता का प्रमाण।
रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के साथ बिहार में हुए मतदान ने सभी को चौंकाते हुए कई सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है। पूछा जा रहा है कि वोटिंग का बढ़ना महागठबंधन या एनडीए में किसके लिए फायदेमंद हो सकता है? आखिर इस रिकॉर्ड मतदान के बाद किसके हाथ सियासी बाजी लगेगी? ऐसे तमाम सवाल हैं जो बिहार चुनाव को केन्द्र में रखकर पूछे जा रहे हैं।
रिकॉर्ड मतदान ने सभी को चौंकाया – Bihar Assembly Election 2025
चुनावी परवान को चढ़ते देख इस बात के आसार लगाए जा रहे थे कि पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान हो सकता है। हुआ भी ऐसा और 64.69 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बिहार की धरती पर ये विधानसभा चुनाव के लिए सर्वाधिक मतदान है। इससे पूर्व 2020 में कुल 62.57 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस मतदान ने सभी को चौंकाया है।
इससे पूर्व 2010 के चुनाव में पहले चरण का टर्नआउट 52.1 फीसदी, 2015 में 55.9 और 2020 में 56.1 फ़ीसदी था। हालांकि, अबकी बार टर्नआउट करीब साढ़े 8 फीसदी के इजाफा के साथ 64.69 फीसदी पहुंच गया है। अब ये एसआईआर से नाराजगी है या बढ़ती जागरूकता इसका आंकलन नतीजों के ऐलान के साथ पता चल सकेगा।
बिहार चुनाव में आखिर किसके हाथ लगेगी सियासी बाजी?
इस सवाल का जवाब अभी देना फिलहाल जल्दबाजी होगी। अभी 11 नवंबर को सूबे की 122 सीटों पर मतदान होना है। इसमें सीमांचल के साथ पश्चिमी चंपारण के इलाके भी शामिल हैं। दरअसल, इससे पूर्व बिहार में जब भी मतदान 5 फीसदी से ज्यादा हुआ है, तो सत्ता बदली है। 1962 विधानसभा चुनाव में 44.5 फीसदी मतदान के बाद 1967 में 51.5 फीसदी मतदान हुआ जिसके बाद पहली बार सरकार बदली। इसके बाद 1977 में हुए 50.5 फीसदी मतदान को पछाड़ते हुए 1980 में 57.3 फीसदी मतदान हुआ और जनता पार्टी को हराकत कांग्रेस सत्ता में आ गई।
फिर 1985 चुनाव में हुई 56.3 फीसदी मतदान को पीछे छोड़ते हुए 62 फीसदी मतदाताओं ने 1990 में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में जनता दल का उदय हुआ और लालू यादव सीएम बने थे। ऐसे में फिर एक बार 2025 में मतदान फीसदी में हुआ साढ़े 8 फीसदी का इजाफा किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम को संकेत दे रहा है। हालांकि, अभी दूसरे चरण का मतदान शेष है ऐसे में ये पूछना कि सियासी बाजी एनडीए या महागठबंधन में किसके हाथ लगेगी थोड़ी जल्दबाजी होगी। सियासी द्वंद के बीच देखना दिलचस्प होगा कि किस दल या गठबंधन के हिस्से जीत मिलती है।






