Bihar Politics: चुनावी माहौल के बीच बिहार में घमासान का दौर जारी है। इसमें सबसे प्रमुख है स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) का मुद्दा जिसकी लड़ाई विपक्ष सड़क पर लड़ रहा है। हालांकि, विपक्षी एकजुटता इस मुद्दे को लेकर खतरे में है। दरअसल, तेजस्वी यादव ने बिहार पॉलिटिक्स में नई चर्चा छेड़ते हुए एसआईआर मुद्दे पर चुनाव बहिष्कार पर विचार करने की बात कह दी है। तेजस्वी यादव के इस कदम को सांसद पप्पू यादव का समर्थन मिला है। जबकि कांग्रेस सिरे से किनारा काट कर रही है। Bihar Politics में नया घमासान छेड़ते हुए कृष्णा अल्लवारु ने साफ तौर पर कहा है कि हम इस पर विचार करेंगे फिर कोई फैसला लेंगे। हमारे लिए सारे विकल्प खुले हैं। ये साफ तौर पर महागठबंधन में एकजुटता की कमी को दर्शाता है। वहीं सवाल है कि क्या SIR से जुड़े मुद्दे पर तेजस्वी और सांसद पप्पू यादव एकजुट हो सकते हैं।
SIR मुद्दे पर क्या एकजुट हो सकते हैं Pappu Yadav और तेजस्वी?
इसको लेकर कई तरह की कयासबाजी जारी है। दरअसल, पप्पू यादव खुद को भले ही कांग्रेस का समर्पित सिपाही बता लें। लेकिन कांग्रेस उन्हें बिहार में वो तवज्जो नहीं देती जिसकी उम्मीद वो लगाए बैठे हैं। ऐसे में SIR मुद्दे पर उनका तेजस्वी यादव को सांकेतिक समर्थन देना कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है। Bihar Politics का पारा बढ़ाते हुए पूर्णिया सांसद ने बीते कल कहा कि हमारा विश्वास सुप्रीम कोर्ट और सदन के साथ है। हां जब सारे रास्ते बंद हो जाएंगे तब तेजस्वी जी ने जो कहा है वह अंतिम प्रक्रिया है। इसका मतलब साफ है कि पप्पू यादव अंतत: तेजस्वी यादव के साथ जाने और चुनाव बहिष्कार के लिए तैयार हो सकते हैं। यही वजह है कि पूर्व में राजद से जुड़े रहे और लालू यादव के नेतृत्व में कई पदों पर रहने वाले पप्पू यादव और तेजस्वी के साथ आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
RJD से हटकर दूसरा राग अलाप रही Congress ने Bihar Politics में छेड़ा घमासान
जब बात विपक्षी एकता की हो तो सभी दल एक बैनर तले हर मुद्दे को समर्थन देते हैं। हालांकि, बिहार पॉलिटिक्स में इससे उलट घटनाक्रम देखा जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR के खिलाफ जब तेजस्वी यादव ने ‘चुनाव बहिष्कार’ की बात की, तो कांग्रेस दूसरी राग अलापने लगी। बिहार में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लवारु ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे और इसके बाद फैसला लेंगे। हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं। इसका आशय है कि Bihar Politics में महागठबंधन रणनीतिक तौर पर अलग-थलग पड़ा है। यदि ऐसा ही रुख रहा तो निकट भविष्य में दोनों दलों के बीच समीकरण बदलता और बिहार में नई परिस्थितियां बनते देखा जा सकता है। फिलहाल कांग्रेस और राजद एक साथ मिलकर NDA को टक्कर देने की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश में है।