Shashi Tharoor: पार्टी के सीनियर नेता के. मुरलीधरन के एक बयान से केरल की राजनीति को नई दिशा मिलती नजर आ रही है। दशकों से अपनी धाक बरकरार कर देश-दुनिया में सुर्खियों का विषय बन चुके कांग्रेस सांसद शशि थरूर अब अपनी ही पार्टी के लिए सिरदर्द बनते नजर आ रहे हैं। केरल कांग्रेस यूनिट के अहम सदस्य शशि थरूर को उन्हीं की पार्टी से लगभग बेदखल कर दिया गया है। Shashi Tharoor को लेकर पार्टी के सीनियर नेता के. मुरलीधरन ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक थरूर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपना रुख नहीं बदलते, तब तक उन्हें किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। ये साफ तौर पर दर्शाता है कि कांग्रेस की केरल यूनिट ने अपने चर्चित सांसद को लगभग बेदखल कर दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि BJP आगे क्या रुख अपनाती है।
केरल कांग्रेस यूनिट से क्या बेदखल हुए Shashi Tharoor?
ये बड़ा सवाल है जिसका आधिकारिक रूप से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा सकता। दरअसल, केर कांग्रेस यूनिट से जुड़े सीनियर लीडर के. मुरलीधरन ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्य शशि थरूर को अब ‘हम में से एक’ नहीं माना जाता। पार्टी आलाकमान के नजदीकी माने जाने वाले के. मुरलीधरन ने भी स्पष्ट किया है कि “जब तक Shashi Tharoor अपना रुख नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में आयोजित होने वाले किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। वो हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए उनके किसी कार्यक्रम का बहिष्कार करने का सवाल ही नहीं उठता।” के. मुरलीधरन के इस कथन के बाद केरल कांग्रेस यूनिट से शशि थरूर की बेदखली से जुड़े दावे किए जा रहे हैं।
क्या BJP लगा सकती है मौके पर चौका?
केरल की राजनीति में अपना पैर जमाने को आतुर बीजेपी के लिए ये सुनहरा अवसर माना जा रहा है। Shashi Tharoor बीते कुछ महीनों में ऐसे कई बयान दे चुके हैं जिसे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की तारीफ के रूप में देखा जा चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद डेलिगेट के हिस्सा बन शशि थरूर का विदेशी सरजमी पर जाना भी कईयों की नजर में खटक के समान था। इससे पूर्व भी शशि थरूर की कांग्रेस आलाकमान से दूरियां और बीजेपी से नजदीकी को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो चुकी हैं।
ऐसे में ये मौका बीजेपी के अनुकूल माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस में जारी तनातनी के बीच यदि Shashi Tharoor अपनी मूल पार्टी से बेदखल किए जाते हैं, उनके बीजेपी में जाने की संभावना तेज है। ऐसी स्थिति में केन्द्र की सत्तारुढ़ दल केरल की राजनीति में मजबूती से पांव जमा सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि थरूर का अगला कदम क्या होता है और क्या बीजेपी मौके पर चौका लगाकर अपनी राजनीतिक संभावनाओं को बेहतर कर पाती है या नहीं?