Artificial Intelligence: कुछ साल पहले तक दुनिया में तकनीक का जलवा नजर आता था। मगर अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी के साथ जुड़कर लोगों की लाइफ को काफी हद तक आसान बना दिया है और आने वाले समय में इसमें और अधिक सुधार देखने को मिल सकता है। ऐसे में वाशिंगटन विश्वविद्यालय ने अद्भूत हेडफोन का निर्माण किया है। यह हेडफोन अपने आसपास होने वाली गतिविधियों पर नजर रख सकता है। साथ ही बोलने वाले लोगों की पहचान कर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह बहुत कम समय में आसपास के अनुवाद को ट्रांसलेट कर सकता है। ‘NewsBytes’ की रिपोर्ट में यह खबर सामने आई है।
Artificial Intelligence से संचालित हेडफोन ग्रुप डिस्कशन में होगा गेमचेंजर
‘NewsBytes’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन विश्वविद्यालय ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पावर्ड हेडफोन को बनाने के लिए स्पैटियल स्पीच ट्रांसलेशन नाम के डिवाइस को कमर्शियल रूप से इस्तेमाल करके इस हेडफोन को तैयार किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह इनोवेटिव डिवाइस हेडफोन इंडस्ट्री में बड़ी क्रांति ला सकता है। यह डिवाइस किसी भी ग्रुप डिस्कशन में अलग-अलग लोगों की पहचान करके उनकी आवाजों का पता लगा सकता है।
कैसे काम करता है Artificial Intelligence पावर्ड हेडफोन?
रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया स्पैटियल स्पीच ट्रांसलेशन सिस्टम सोनी SH-100XM4 नॉइज़-कैंसलिंग हेडफोन को सोनिकप्रेजेंस के SP15C के साथ जोड़ता है। इसके बाद यह अलग-अलग आवाजों को पकड़ता है और फिर इंसानों की तरह सुनता है। इसके बाद माइक्रोफोन आवाजों का पता लगता है और आवाज को रियल टाइम में न्यूरल नेटवर्क मॉडल चलाने वाले मोबाइल डिवाइस भेज देता है। स्पैटियल स्पीच ट्रांसलेशन सिस्टम सिर्फ समूह में किसी आवाज की पहचान तो करता है। साथ ही आवाज की रिदम को भी बरकरार रखता है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से चलने वाला हेडफोन इतनी भाषाओं को करता है सपोर्ट
‘NewsBytes’ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पैटियल स्पीच ट्रांसलेशन सिस्टम मौजूदा समय में 3 भाषाओं का सपोर्ट करता है। इसमें स्पेनिश, फ्रेंच और जर्मन शामिल है। मगर रिसर्चर्स के मुताबिक, यह एआई पावर्ड हेडफोन आने वाले समय में 100 भाषाओं में आसपास की आवाज को रियल टाइम में ट्रांसलेट कर सकेगा। इसकी स्पीड और सटीकता पर फिलहाल काम किया जा रहा है। रिसर्चर्स ने इस Artificial Intelligence पावर्ड हेडफोन को ओपन-सोर्स बना दिया है। ऐसे में इसके कोड का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है। मगर हेडफोन उद्योग में इतनी कमाल की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी अभी तक नहीं आई है। ऐसे में यह इनोवेटिव डिवाइस गेमचेंजर साबित हो सकता है।