Grok 3: एक्स यानी ट्विटर के मालिक Elon Musk ने हाल ही में अपना सुपर एआई मॉडल ग्रोक 3 लॉन्च किया है। ऐसे में Grok 3 Reasoning को लेकर इंटरनेट पर खूब चर्चा हो रही है। कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि एलन मस्क का ग्रोक 3 रीजनिंग का मुकाबला Google Gemini 2.0 से हो सकता है। गूगल जेमिनी 2.0 को लेकर गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने एक बड़ी जानकारी दी है। ऐसे में दोनों में से किस एआई मॉडल में बेहतर रीजनिंग क्षमताएं देखने को मिलती हैं, चलिए नीचे खबर में जानते हैं इसकी डिटेल।
Grok 3 जवाब देने में लगा सकता है इतना समय
नए एआई मॉडल ग्रोक 3 को Elon Musk की टीम ने बताया है कि इस एआई मॉडल में दो वर्जन उतारे गए हैं। इसमें बीटा और मिनी 3 शामिल है। Grok 3 Reasoning क्षमताओं की बात करें, तो इसमें ग्रोक 2 के मुकाबले नेक्स्ट जेनरेशन की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। एलन मस्क की टीम के मुताबिक, ग्रोक 3 रीजनिंग मॉडल को एडवांस ट्रेनिंग से लैस किया गया है। कंपनी का दावा है कि यह डेटा समझने के लिए आरएल तकनीक का इस्तेमाल करता है।
ऐसे में कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यह एआई मॉडल Google Gemini 2.0 को टक्कर दे सकता है। ग्रोक 3 रीजनिंग इंसानों की तरह जवाब देने में कुछ सेकेंड से लेकर कई मिनट तक का समय ले सकता है। ग्रोक 3 बैकट्रैकिंग के जरिए अपनी गलतियों को सुधारने का काम करता है और परेशानी को ठीक करने के लिए सभी संभावनाओं को तलाशता है। दूसरी ओर, गूगल जेमिनी 2.0 को सहयोगी वैज्ञानिक एआई सिस्टम के तौर पर उतारा गया है।
ग्रोक 3 और गूगल जेमिनी 2.0 में कौन मारेगा बाजी
Elon Musk का एआई मॉडल ग्रोक 3 पहले से 10 गुना ज्यादा पावरफुल है। एलन मस्क की टीम ने बताया है कि ग्रोक 3 रीजनिंग के लिए इसमें 2 लाख जीपीयू का इस्तेमाल किया गया है। Grok 3 Reasoning को लेकर बताया जा रहा है कि इसका चैटबॉट एरिना स्कोर 1402 है। वहीं, इसके मिनी मॉडल में कॉस्ट एफिशियंट रीजनिंग क्षमता दी गई है।
वहीं, Google Gemini 2.0 एडवांस रीजनिंग के साथ डिटेल रिसर्च प्लान मिलता है। गूगल सीईओ सुंदर पिचई ने गूगल जेमिनी 2.0 को लेकर बताया है कि यह लीवर फाइब्रोसिस उपचार, रोगाणुरोधी प्रतिरोध और ड्रग्स जैसे महत्वपूर्ण रिसर्च सेक्टर में शानदार शुरुआती परिणाम देख रहे हैं। आने वाले दिनों में इसमें और सुधार देखने को मिल सकता है।