शुक्रवार, दिसम्बर 5, 2025
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Liver के लिए चाय या कॉफी क्या है बेस्ट? लिवर के एक्सपर्ट डॉ. सरीन से जानें

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Liver : लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है। लेकिन खराब लाइफ स्टाइल के कारण इसके ऊपर फैट जम जाता है। जिसकी वजह से जान तक जा सकती है। फैटीलिवर अपनी तीसरी स्टेज में सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इस दौरान लिवर में सूजन, घाव के साथ सिरोसिस, लिवर कैंसर और लिवर फेलियर की स्थिति पैदा हो जाती है। इस दौरान चाय और कॉफी पीना वैसे तो अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन फिर भी कुछ लोग इसका सेवन करते हैं। इस स्थिति से निबटने के लिए लिवर के फेमस एक्सपर्ट डॉक्टर सरीन बता रहे हैं। उन्होंने बताया है कि, लिवर के लिए चाय अच्छा है या फिर कॉफी?

लिवर के लिए चाय या फिर कॉफी क्या है बेस्ट?

डॉक्टर सरीन से जब फेमस यूट्यूबर और पत्रकार शुभांकर मिश्रा ने सवाल किया कि , लिवर के के लिए चाय फिर कॉफी क्या बेस्ट है तो उन्होंने बताया?

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वीडियो क्रेडिट: hubhankarmishraofficial

चाय से कई गुना बेस्ट कॉफी को माना जाता है। अगर दिन में कई बार चाय पी जा रही है तो ये लिवर के लिए काफी खराब होती है। वहीं, कॉफी को अगर सीमित मात्रा में पिया जाए तो ये लिवर के लिए अच्छी होती है। इसके साथ ही वो इनमें शुगर फ्री चीजों को डालने से बिल्कुल मना कर रहे हैं। आपको बता दें, डॉक्टर सरीन सिर्फ लिवर के लिए चाय या फिर कॉफी के लिए बता रहे हैं, वो फैटी लिवर की बात नहीं कर रहे हैं।

फैटी लिवर में ब्लैक कॉफी कैसे फायदा करती है?

कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड लिवर पर जमी चर्बी को कम करता है। इसके साथ ही घाव और सूजन की गति को भी धीमा कर देता है। ये लीवर को डैमेज करने वाले एलेनिन ट्रांसएमिनेज एंजाइम को भी कम करती है। इस दौरान अगर डॉक्टर के अनुसार बिना चीनी के अगर ब्लैक कॉफी का सेवन किया जाए को ये फायदा करती है। फैटी लिवर के मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के चाय या फिर कॉफी का सेवन ना करें।

फैटी लिवर के कारण और लक्षण

फैटी लिवर के प्रमुख कारण एल्कोहल, प्रोसेसड फूड, कोल्ड ड्रिंक, डायबिटीज, मोटोपा, फ्राइड चीजें होती हैं। जब शरीर में फैटी लिवर बढ़ने लगता है तो कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं।फैटी लिवर के दौरान मन मिचलाता है। पेट में दर्द होता है। तेजी से वजन गिरने लगता है। शरीर के हिस्सों में काले धब्बे पड़ने लगते हैं। भूख नहीं लगती है। पीलिया होने लगता है। पेट में सूजन के सथआ खून की उल्टियां आती है। इसके साथ ही मानसिक संतुलन भी बिगड़ने लगता है। अगर इनेमं से कोई भी लक्षण दिख रहा है तो डॉक्टर से संकर्क करें।

Disclaimer: यह लेख और इसमें दी गई चिकित्सीय परामर्श केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से किसी योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में बताए गए तरीकों और दावों को केवल सुझाव माना जाना चाहिए; डीएनपी इंडिया हिंदी न तो इनकी पुष्टि करता है और न ही खंडन करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार का पालन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

Aarohi
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आरोही डीएनपी इंडिया हिन्दी में देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई निफ्टू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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