Heart Blockage Reversal: हार्ट यानी की दिल की बामारी से जूझ रहे लोगों की संख्या देश ही नहीं दुनियाभर में बढ़ती जा रही है। इसकी जद में लगभग हर आयु वर्ग के लोग आ चुके हैं। हार्ट की बीमारियों की शुरुआत हार्ट ब्लॉकेज से होती है। इस स्थिति में हार्ट के आस-पास मौजूद धमनियों में कोलेस्ट्रॉल यानी की चर्बी जमा हो जाती है। जिसकी वजह से Heart Disease बढ़ती है। इसी लिए इसे खत्म करना जरुरी होता है। हार्ट ब्लॉकेज रिेवर्सल से निबटने के बारे में एम्स के पूर्व डॉक्टर और देश के जाने मानें हृदय रोग विशेषज्ञ Dr. Bimal Chhajer बता रहे हैं। उन्होंने कुछ अचूक उपाए बताए हैं, जिनसे ब्लॉकेज रिेवर्सल यानी की दिल पर जमी चर्बी को घटाने में मदद मिलती है।
Dr. Bimal Chhajer से जानें Heart Blockage Reversal का सबसे आसान उपाय
डॉ. बिमल छाजेड़ एमबीबीएस और एमडी हैं। हार्ट की ब्लोकेज को खत्म करने के बारे में वह बता रहे हैं कि, अगर कुछ घरेलू उपाय किए जाएं तो इस स्थिति से राहत पायी जा सकती है।
उनका कहना है कि, हार्ट अटैक या फिर दिल से जुड़ी हुई तमाम बीमारियों से बचने के लिए पैदल ज्यादा से ज्यादा चलना चाहिए। इसके साथ ही योग रोजाना करना चाहिए। मरीज 5 मिनट मेडिटेशन प्राणायाम कर सकता है। इसके साथ ही बिना तेल का खाना खाना चाहिए। फैट वाला दूध और मांस खाने से बचना चाहिए। इस दौरान ड्राई फ्रूट्स से बचना चाहिए। मूंगफली, अखरोट और नारियल का भूलकर भी सेवन ना करें क्योंकि इनमें काफी फैट होता है। हार्ट की बीमारी से जूझ रहे लोगों को हरी सब्जियों और सलादा का जितना हो सके उतना सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि, समय-समय पर टेस्ट कराते रहना चाहिए। अल्कोहल और स्मोकिंग और तम्बाकू से दूर रहें। इसके साथ ही तनाव से दूर रहें ।
Heart Blockage के कारण, लक्षण और बचाव
हार्ट ब्लोकेज तब होता है, जब दिल के आस-पास चर्बी जम जाती है। जिसकी वजह से हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इस स्थिती में हार्ट अटैक के साथ-साथ सीने में दर्द जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। ऑक्सीजन कम पहुंचने के कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसका कारण धूम्रपान, तनाव ,हद से ज्यादा तला हुआ खाना या फिर आनुवांशिक हो सकता है। इस स्थिति में सीने में दर्द के साथ थकान, घबराहट, सांस लेने में परेशानी और दिल की तरफ वाले हिस्से में सुन्न अनुभव होता है। मामला ज्यादा बिगड़ जाने पर दवाओं , एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी से इसे कंट्रोल किया जाता है।