Pakistan Nuclear Facility: पाकिस्तान के खिलाफ किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक विषय अभी भी सुर्खियों में बना हुआ है कि आखिर पाक में स्थित किराना हिल्स में क्या हुआ था, जिसने पड़ोसी मुल्क की पोल खोल दी है। दावा तो यह भी किया गया कि भारत के हमले से नूर खान एयरबेस तबाह कर दिया था और वहीं पर पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखें गए थे। जिसके बाद पूरी दुनिया में यह खबर फैल गई कि भारत ने पाक के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया है। हालांकि ना ही भारत और न ही पाक की तरफ से इसकी पुष्टि अभी तक की गई है। वहीं अब पूर्व राजनयिक Deepak Vohra ने डीएनपी इंडिया से बातचीत के दौरान कई अहम खुलासे किए। चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
Kirana Hills पर पूर्व राजनयिक Deepak Vohra के दावे मची सनसनी
डीएनपी इंडिया ने भारत के पूर्व राजनयिक से संपर्क साधा। Deepak Vohra से एक्सक्लूसिव बातचीच के दौरान डीएनपी इंडिया की ओर से पत्रकार प्रकाश ललित ने कई सवाल पूछे और पूर्व राजनायिक ने कई अहम खुलासे किए। पत्रकार की तरफ से सवाल पूछे जानें पर कि “क्या पाकिस्तान अब न्यूक्लियर स्टेट नहीं है”? इस पर Deepak Vohra कहते है कि “हमारा एक इनफॉर्मल WhatsApp ग्रुप है। उसमें कुछ रिटायर्ड अमेरिकन जनरल्स है। सीआईए के हैं। उसमें एंबेसडर्स है, इंटेलेक्चुअल्स है, एकेडेमिक्स है, पब्लिक ओपिनियन मेकर्स है।
जो सारे इंडिकेटर्स ये बताते हैं कि वहां पे रिएक्टर फटा है और बहुत रेडिएशन लीक हुई है और जो अंदर लोग थे वो सब खत्म हो गए वो बिल्कुल जल के राख हो जाते हैं। उनके जिस्म को बाहर निकालना संभव नहीं है। पता नहीं लगेगा ये किसकी राख है। वहां पर पूरी बिल्डिंग थी उसके कुछ दिन के बाद जब हमने हमला किया बिल्डिंग फ्लैट हो गई और और कुछ दिन के बाद पाकिस्तानी ने फैसला किया इसको बिल्कुल फ्लैट कर दिया जैसे यहां पे कुछ था ही नहीं तो सीमेंट डाल के और ये करके उसको बिल्कुल फ्लैट कर दिया”।
क्या Pakistan Nuclear Facility को भारत ने कर दिया तबाह?
Deepak Vohra से Pakistan Nuclear Facility पर सवाल पूछे जानें पर कि “कोई भी न्यूक्लियर स्टेट उसका इतना बड़ा न्यूक्लियर आर्सनल अगर बर्बाद हो जाएगा और तबाह हो जाएगा तो इतना सब कुछ काम कैसे कर रहा पाकिस्तान, और दुनिया में कैसे ये चीज छिपाई जा सकती है”। इस पर दीपक वोहरा कहते है कि “मैं बता रहा हूं एक साल रुक जाइएगा। वाइट हाउस से कोई ना कोई किताब लिखेगा। कोई इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट लिखेगा कि,
किस तरह से इन्होंने बचाने की कोशिश की थी। पूरी तरह से उसके न्यूक्लियर वेपन्स पर हमला नहीं हुआ। वेपन्स को एक जगह नहीं रखते। यहां पर न्यूक्लियर आर्सन जो असला है तो वेपन कहीं और होता है। मिसाइल कहीं और होती है। असले को जो है आप अपने न्यूक्लियर हथियार के अंदर डालते हैं।
हथियार को मिसाइल के ऊपर चढ़ाते हैं। टोपी पहनाते हैं। फिर मिसाइल चलता है। वो तीनों जगह अलग-अलग होती है। जो चगाई हिल्स में जो मेरा मानना है नूर खान बेस में जो हुआ है जिसको पहले चकलाला एयरफोर्स बेस कहते थे वो वहां पर सामग्री रखी हुई है और कुछ एक साल के अंदर आप देखेंगे अमेरिका में तो कोई बात छुपती नहीं है। वो बाद में उसका खंडन करते रहेंगे लेकिन कोई ना कोई जर्नलिस्ट किताब लिखेगा किस तरह से अमेरिका को नुकसान हुआ”। सबसे खास बात है कि पाक और अमेरिका के बीच लगातार दोस्ताना बढ़ता जा रहा है, जो बहुत कुछ बता रहे है।