Alaska Meet: बीते दिन दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देश के नेताओं Donald Trump और Vladimir Putin की अलास्का में मुलाकात हुई, पूरी दुनिया की नजर इस मुलाकात पर थी, हालांकि कई मुद्दों पर दोनों की सहमति नहीं बनी। बता दें कि रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, हालांकि इससे पहले ट्रंप ने रूस को खुली चेतावनी दे दी थी, कि अगर यूक्रेन-रूस युद्ध नहीं रूका तो पुतिन को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। वहीं अब सबसे बड़ा सवाल है कि इस मीटिंग से भारत को कैसे फायदा हो सकता है,चलिए आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।
Donald Trump और Vladimir Putin की मुलाकात बेनतीजा – Alaska Meet
बता दें कि Alaska Meet में Donald Trump और Vladimir Putin के बीच 3 घंटे मुलाकात चलिए लेकिन बातचीत बेनतीजा रही, मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दोनों के बीच “कई मुद्दों पर सहमति बन गई” लेकिन कुछ मुद्दे अब भी बचे हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “कोई समझौता तब तक नहीं होता, जब तक असल में समझौता नहीं हो जाता”।
वहीं पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर 2022 में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन में युद्ध नहीं होता। उन्होंने कहा कि ट्रम्प पहले ऐसा कहते रहे हैं और वह भी ऐसा मानते हैं। गौरतलब है कि सीजफायर या हमला रोकने को लेकर किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई, जिसके बाद यह बातचीत बेनतीजा निकली।
डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से क्या भारत को होगा फायदा
बता दें कि Alaska Meet के दौरान Donald Trump और Vladimir Putin के बीच हुई बातचीत से भारत को कैसे फायदा हो सकता है तो हम आपको बता दें कि गौरतलब है कि ट्रंप की तरफ से बातचीत सफल रही, इसलिए भारत और दबाव की संभावना सीमित है। लेकिन यूक्रेन या यूरोपियन यूनियन के दृष्टिकोण से देखें तो यह वार्ता नाकाम रही, क्योंकि युद्धविराम या हवाई हमलों पर रोक जैसे अहम मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई। मालूम हो कि ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया था। हालांकि भारत भी झुकने के लिए तैयार नहीं है, प्रधानमंत्री ने साफ कह दिया है, वहीं किसी के आगे झुकने वाले नहीं है।