सोमवार, जुलाई 14, 2025
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मसूद अजहर का ठिकाना अफगानिस्तान! तालिबान को Russia ने मान्यता क्या दी कि बेचैन हो उठा Pakistan, आनन-फानन में आतंकी संरक्षण के लगाए आरोप

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Bilawal Bhutto: दुनिया से दरकिनार किया जा रहा पाकिस्तान समय-समय पर अपनी बौखलाहट से चर्चाओं में बना रहता है। कभी पीएम शहबाज के करीबियों द्वारा अपने ही हुक्मरानों की पोल खोली जाती है, तो कभी आसिम मुनीर पाकिस्तान की फजीहत कराते हैं। ताजा मामले में बिलावल भुट्टो जरदारी का नाम सामने आया है जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने मुल्क की किरकिरी करा दी है। तालिबानी हुकूमत को रूस द्वारा मान्यता मिलने के ठीक एक दिन बाद Bilawal Bhutto ने अफगानिस्तान पर गंभीर आरोर लगाए हैं। वांटेंड मसूद अजहर को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए बिलावल भुट्टो ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल भुट्टो की बेचैनी साफ तौर पर देखी गई है। इतना ही नहीं PPP चीफ ने अपने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए ये कहा है अगर भारत हमे मसूद अजहर का ठिकाना बताएगा, तो हमें कार्रवाई करने में खुशी होगी।

आतंकी मसूद अजहर के ठिकाना को लेकर Bilawal Bhutto का बड़ा बयान!

एक साक्षात्कार के दौरान बिलावल भुट्टो जरदारी ने मसूद अजहर को पाकिस्तान द्वारा संरक्षण दिए जाने वाले आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बौखलाहट के साथ बिलावल भुट्टो ने ने कहा कि “मसूद अजहर के बारे में पाकिस्तान को नहीं पता कि वो कहां है। शायद वो अफगानिस्तान में हो। अगर भारत सरकार हमें जानकारी दे कि मसूद अजहर पाकिस्तान में है, तो हम उसे गिरफ्तार करने को तैयार हैं।” Bilawal Bhutto अब अपने हिस्से की जिम्मेदारी दूसरों के मत्थे डाल रहे हैं।

दुनिया को पता है Pakistan आतंक को शरण देने वालों में नंबर वन देश है। ऐसी स्थिति में अब पाकिस्तानी राजनेता दूसरे मुल्क पर मसूद अजहर को ठिकाना देने के आरोप लगाए, तो ये हास्यास्पद नहीं तो क्या होगा। बिलावल भुट्टो बखूबी जानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवाद को संरक्षण देने का एक इतिहास रहा है। ऐसी स्थिति में मसूद अजहर का ठिकाना दुनिया के किसी अन्य मुल्क को बताना मूर्खतापूर्ण कदम है। ये दर्शाता है कि Bilawal Bhutto या अन्य पाकिस्तानी हुक्मरानों की मंशा मसूद अजहर को लेकर क्या है।

तालिबान को Russia से मान्यता मिलने के बाद बेचैन हो उठे पाकिस्तानी!

वैश्विक मंच पर रूस द्वारा तालिबानी हुकूमत को मान्यता देने के बाद पाकिस्तान में अंदरखाने बेचैनी बढ़ी है। जो तालिबान कल तक पाकिस्तान के आगे-पीछे घूमता था, आज वो वैश्विक मंच साझा करेगा। इतना ही नहीं, तालिबानी हुकूमत अब पाकिस्तान के लिए चुनौती भी पेश करेगी और कई मोर्चे पर रोड़ा बनेगी। तालिबान को रूस द्वारा मान्यता मिलने के बाद पाकिस्तान का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर होगा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को लेकर विवाद गहरा सकता है। इससे इतर पाकिस्तान मध्यस्त की भूमिका भी नहीं निभा पाएगा जो उसके लिए झटका है। यही वजह है कि Bilawal Bhutto समेत अन्य पाकिस्तानी अब मसूद अजहर के संरक्षण का आरोप अफगानिस्तान पर लगाकर, अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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