Bondi Beach Shooting: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर रविवार को आतंकी हमले में 15 अधिक से लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, आतंकी हमले में दो लोग शामिल थे। रिपोर्ट्स की मानें, तो हमला करने वाले पिता-पुत्र बताए गए, जिनका कनेक्शन पाकिस्तान के साथ बताया गया। ऐसे में तेलंगाना पुलिस ने बड़ी जानकारी साझा की है कि बोंडी बीच शूटिंग में शामिल एक आतंकी का भारत के साथ कनेक्शन है।
Bondi Beach Shooting मामले पर तेलंगाना डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा
‘The Indian Express’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच आतंकी हमले में शामिल साजिद अकरम भारत के हैदराबाद का रहने वाला है। तेलंगाना पुलिस के डीजीपी बी. शिवधर रेड्डी ने बताया है कि 50 साल के साजिद अकरम ने हैदराबाद से बी.कॉम किया था और एक यूरोपियन मूल की महिला से शादी करने के बाद नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद साजिद 6 बार भारत आया था।
तेलंगाना डीजीपी बी. शिवधर रेड्डी ने कहा, “1998 में भारत छोड़ने से पहले साजिद अकरम के भारत में रहने के दौरान तेलंगाना पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई गलत रिकॉर्ड नहीं है। तेलंगाना पुलिस केंद्रीय एजेंसियों और दूसरे विभागों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। साजिद अकरम के कट्टरपंथी बनने के कारणों का “भारत से कोई लेना-देना नहीं है।”
बोंडी बीच शूटिंग में गई 15 लोगों की जान
वहीं, जाने-माने पत्रकार ‘राजदीप सरदेसाई’ ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, ‘जरूरी: तेलंगाना DGP के प्रेस नोट से यह कन्फर्म हुआ है कि बोंडी बीच के हमलावरों में से एक, साजिद अकरम भारतीय मूल का था, हैदराबाद का रहने वाला था, जो 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था और आज भी उसके पास भारतीय पासपोर्ट है (पाकिस्तानी नहीं जैसा कि कल बड़े पैमाने पर बताया गया था)। यह भी याद रखें कि मूल देश का सिडनी में हुए भयानक हमले से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह सिर्फ़ इस्लामिक स्टेट आतंकवाद के ग्लोबल फैलाव को दिखाता है। DG के नोट के अनुसार: ‘*साजिद अकरम और उसके बेटे, नवीद के कट्टरपंथी बनने के पीछे के कारणों का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं लगता है।”
मालूम हो कि रविवार को सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का “चानुका बाय द सी” जश्न के दौरान आतंकी हमला हुआ, जिसमें लगभग 15 लोग मारे गए। यह फेस्टिवल के पहले बड़े यहूदी समूह में से एक था। दो बंदूकधारियों की पहचान अकरम और उसके बेटे नवीद के रूप में हुई थी।






