Donald Trump: बीते कई महीनों से इजरायल और हमास के बीच लगातार युद्ध जारी है। इसी बीच हमास और इजरायल के बीच शांति स्थापित करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फुलप्रूफ प्लान तैयार जिससे हमास ने इजरायल के सारे बंधकों को छोड़ने का ऐलान किया है। बता दें कि इजरायल लगातार यह कह रहा है था हमास द्वारा रखे गए इजरायली बंधकों को तुरंत छोड़ा जाए। दोनों देशों के बीच बीते तीन सालों से लगातार युद्ध जारी है। वहीं अब इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने जानकारी दी है कि हमास इजरायल के सभी बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है।
वहीं अब इस मामले में पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल से ट्रंप का शुक्रिया कहा है। मालूम हो कि भारत और अमेरिका के रिश्ते लगातार खराब हो रहे है, लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना कई तरह के सवाल खड़े कर रही है कि क्या ट्रंप भारत के लिए जरूरी है या फिर मजबूरी है।
हमास-इजरायल युद्ध को लेकर Donald Trump का फुलप्रूफ प्लान तैयार
बता दें कि पीस प्लान को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने 20-सूत्रीय शांति योजना को पेश किया था। इसके बाद हमास उनमे से कुछ शर्तों को मानने के लिए तैयार हो गया है, जिसमे से एक बंधकों को छोड़ना है। इसके अलावा ट्रंप ने इजरायल को गाजा पर तुरंत हमला करने से रोकने का निर्देश दे दिया है। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने जानकारी दी और कहा कि
“इज़राइल को गाज़ा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए, ताकि हम बंधकों को सुरक्षित और जल्दी से बाहर निकाल सकें! अभी ऐसा करना बहुत खतरनाक है। हम पहले से ही उन बारीकियों पर चर्चा कर रहे हैं जिन पर काम किया जाना है। यह सिर्फ़ गाज़ा की बात नहीं है, यह मध्य पूर्व में लंबे समय से चाही जा रही शांति की बात है”।
पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को सराहा
बता दें कि गाजा और इजरायल के बीच शांति समझौते को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ करते हुए अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि
“गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के लिए हम राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा”।
भारत के लिए ट्रंप जरूरी या मजबूरी
मालूम हो कि अमेरिका की तरफ से भारत पर पहले से ही 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया गया है, इसके अलावा दवाइयों पर भी 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया गया है। साथ ही एच-1बी वीजा का शुल्क काफी ज्यादा बढ़ा दिया गया है। मालूम को इस वीजा के लिए सबसे ज्यादा भारतीय ही अप्लाई करते है। वहीं अगर भारत की साइड से देखा जाए भारत ने अमेरिकी ने ऐसे किसी भी प्रकार के प्रतिबंध नहीं लगाए है, और ना ही खुले तौर पर ट्रंप के बारे में कुछ बोला जा रहा है, जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि भारत के लिए ट्रंप जरूरी है या मजबूरी है।