सोमवार, सितम्बर 29, 2025
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US और NATO के समक्ष चुनौती पेश करेगी रूस-चीन-भारत की तिकड़ी! S Jaishankar के बीजिंग दौरे के बाद बदला रुख, पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी

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India China Russia Relations: दुनिया में यूरोप की बादशाहत अब खतरे में है। समय-समय पर अपने प्रभुत्व का प्रदर्शन करने वाले अमेरिका और NATO समूह देशों के समक्ष एक नया विकल्प तैयार हो रहा है। यहां बात रूस-चीन-भारत की तिकड़ी के संदर्भ में हो रही है जिसे एस जयशंकर के बीजिंग दौरे के बाद प्रभाव में देखा जा रहा है। ड्रैगन का बदला रुख इंडिया चीन रूस रिलेशन्स में सुधार का अहम संकेत है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने साफ तौर पर कहा है कि हम भारत और रूस के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में ये स्पष्ट है कि India China Russia Relations एक नए दौर में प्रवेश कर संभावनाओं के तमाम नए द्वार खोल सकता है। दुनिया में रूस-भारत-चीन (RIC) त्रिकोण का प्रभाव में आना यूरोप के साथ पाकिस्तान के लिए भी नई टेंशन का विषय है।

S Jaishankar के बीजिंग दौरे के बाद बदला रुख, India China Russia Relations पटरी पर लौटा

दुनिया में ब्रिक्स देशों की अपनी एक धाक है जिसके संस्थापक रूस-भारत-चीन हैं। ये संगठन अमेरिका के साथ तमाम अन्य देशों को खटकता है। इसी बीच 17वें ब्रिक्स समिट आयोजन के बाद इंडिया चीन रूस रिलेशन्स सुधार के एक नए रास्ते पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बगैर किसी लाग-लपेट के स्पष्ट किया है कि “रूस-भारत-चीन (RIC) सहयोग तीनों देशों के लिए लाभकारी है। चीन त्रिपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए भारत और रूस के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।” चीन के इस बदले रुख को India China Russia Relations के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि तीनों देशों के बीच संबंध पटरी पर लौट कर नया मोर्चा बनाते नजर आ सकते हैं।

रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने भी RIC को शुरू करने को लेकर संकेत दिया है। यदि RIC प्रभाव में आता है तो भारत, अमेरिका और यूरोप के साथ रूस, चीन जैसे पुराने सहयोगियों के साथ भी संपर्क बनाए रख सकता है।

अमेरिका और NATO के समक्ष चुनौती पेश करेगी रूस-चीन-भारत की तिकड़ी!

ये जगजाहिर है कि रूस और चीन अमेरिका के लिए हर वक्त रोड़ा साबित हुए हैं। ट्रंप के लाख कहने के बावजूद रूस ने यूक्रे पर हमले का दौर जारी रखा। चीन से भी अमेरिका की टैरिफ वॉर किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में यदि India China Russia Relations में सुधार आता है और RIC प्रभाव में आती है, तो अमेरिका के साथ NATO की दिक्कतें बढ़ेंगी। रूस-भार-चीन (RIC) की तिकड़ी अपनी अलग नीतियों के सहारे दुनिया में दबदबा कायम करने को निकलेगी। इससे एशिया के साथ संपूर्ण विश्व एक नया रणनीतिक संतुलन बनेगा जो अमेरिका के लिए झटका है। वहीं NATO भी टैरिफ को लेकर अपनी परेशानी जगजाहिर कर चुका है। ऐसी स्थिति में यदि दुनिया के समक्ष रूस-भारत-चीन की तिकड़ी सामने आती है, तो अमेरिका के साथ NATO के समक्ष चुनौती पेश करेगी।

बदले समीकरण ने बढ़ा दी पाकिस्तान की टेंशन

गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान के सहयोगी देश के रूप अपनी पहचान रखता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इसकी झलक देखने को मिली थी जब कथित रूप से पाकिस्तान को चीन का बैकअप मिलने की बात कही गई थी। हालांकि, अब ड्रैगन का रुख बदला है और वो रूस-भारत के साथ मिलकर नई मोर्चा खड़ी करने की तैयारी में है। यदि India China Russia Relations के बदलते दौर में नया अध्याय लिखा गया, तो पाकिस्तान अपना प्रमुख सहयोगी खो सकता है और भारत का पक्ष पहले भी अधिक मजबूत हो सकता है। ऐसी स्थिति में पड़ोसी मुल्क की टेंशन बढ़ती नजर आ रही है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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