Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच विवाद के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका एक्शन में है। ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन के साथ युद्ध विराम और शांति समझौता होने तक रूस के खिलाफ “बड़े पैमाने पर” प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। गौरतलब है कि Donald Trump की यह प्रतिक्रिया यूक्रेन पर रात भर लगातार हमलों की खबरों के बीच आई है। जिसने निश्चित रूप से Russia Ukraine War में व्लादिमीर पुतिन की टेंशन बढ़ा दी है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इस तथ्य के आधार पर कि रूस इस समय युद्ध के मैदान में Ukraine को पूरी तरह से ‘पराजित’ कर रहा है, मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर दृढ़ता से विचार कर रहा हूं जब तक कि युद्ध विराम और शांति पर अंतिम बातचीत समझौता नहीं हो जाता।”
Russia Ukraine War के बीच Trump का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट कर लिखा, ” इस तथ्य के आधार पर कि रूस इस समय युद्ध के मैदान में यूक्रेन पर पूरी तरह से हमले कर रहा है, मैं रूस पर बड़े पैमाने पर बैंकिंग प्रतिबंध, प्रतिबंध और टैरिफ लगाने पर दृढ़ता से विचार कर रहा हूँ जब तक कि Russia Ukraine War युद्ध विराम और शांति पर अंतिम समझौता समझौता नहीं हो जाता। रूस और Ukraine से, अभी बातचीत शुरू करें, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। धन्यवाद!!!”

US लगाएगा Russia पर भारी Sanctions
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान पिछले दिनों यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से हुई तीखी बहस के बाद आया है। इसके बाद रूसी मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका Ukraine को समर्थन देना बंद कर देगा। लेकिन ट्रंप के ताजा बयान ने उन सभी कयासों को खारिज कर दिया है, जो डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति Volodymyr Zelenskyy के बीच दूरी दिखा रहे थे। हालांकि शुक्रवार को ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा कि Russia अभी भी यूक्रेन पर बमबारी कर रहा है, मैंने इस पर बयान जारी किया है।
वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया कि रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध और टैरिफ किस तरह काम करेंगे। मालूम हो कि इससे पहले भी अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर भारी प्रतिबंध लगा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रतिबंध का निशाना रूस का तेल निर्यात और विदेशी मुद्रा भंडार है। हालांकि रूस अब तक भारत और चीन को रियायती दाम पर तेल बेचकर अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने में सफल रहा है।
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