Viral Video: सोशल मीडिया पर डोमिनोज पिज्जा के आउटलेट का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इन पर आरोप है कि, यूट्यूबर को थप्पड़ मारा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के द्वारा बनाया गया है। जिसमें वो डोमिनो की सच्चाई को बयां कर रहा है। युवक लगातार बोल रहा है कि, गरीब बच्चों के कपड़ों को देखकर उन्हें पिज्जा खाने नहीं दिया जा रहा है। इस घटना को देख यूजर्स इसे बेहद अफसोसनाक बता रहे हैं।
डोमिनोज पिज्जा खिलाने पहुंचे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ मैनेजर ने की बदतमीजी
ये वायरल वीडियो कब और कहां का है? इसकी कोई भी आधिकारिक जानकारी तो मौजूद नहीं है। लेकिन इसे Ramesh Tiwari नाम के एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया है। इसके साथ ही मामले की जानकारी देते हुए कैप्शन में दावा किया गया है, “भारत में डोमिनो की दादागिरी
Domino’s मैनेजर का वीडियो वायरल – गरीब बच्चों का कपड़ों के आधार पर अपमान! लोगों में भारी गुस्सा, सभी का कहना: “बच्चों को कपड़ों से नहीं, इंसानियत से परखा जाता है।” सोशल मीडिया पर मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज़।”
देखें वीडियो
वीडियो बना रहा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मैनेजर की तरफ कैमरा किए हुए और कह रहा है कि, तुमने मुझे थप्पड़ मारा है। अगर वो गरीब बच्चों को पिज्जा खिलाने लेकर आया है तो इसमें गलत क्या है? वो आस-पास बैठे लोगों से भी ये सवाल कर रहा है। जिसकी वजह से वहां पर कोई भी आपत्ति तो नहीं जता रहा है लेकिन डोमिनोज के कर्मचारी मामले पर सफाई देते हुए दिख रहे हैं।
Viral Video देख यूजर्स की बंटी राय
गरीब बच्चों से जुड़े इस डोमिनोP वायरल वीडियो को एक्स पर 8 दिसंबर को अपलोड किया गया था। इस वीडियो पर 2 लाख 21 हजार से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं। वहीं, तमाम सारे लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। एक यूजर लिखता है, “ये कहाँ का विडियो है, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए। Domino की ब्रांच बंद हो जानी जाहिए ताकि ऐसे दबंगी भी लोगों को सबक मिले।” दूसरा लिखता है, “सिर्फ कंटेंट के लिए कुछ भी ये एक वीडियो बना रहा था जिसमें गरीब बच्चे पिज्जा खा रहे हो जिससे लाइक और व्यूज मिल सके मैनेजर ने वीडियो शूट करने से मना कर दिया उसी का भड़ास निकाल रहा है।” तीसरा लिखता है, “यदि मैनेजर आर्थिक आधार पर लोगों के साथ भेदभाव न करे तो आप लोग खुद डोमीनोस जाना छोड़ देंगे|”
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो /पोस्ट पर आधारित है। डीएनपी इंडिया हिन्दी/लेखक किसी भी प्रकार के दावे और सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।






