Budget 2025: हेल्थ केयर सेक्टर से लेकर रिटेल सेक्टर तक बजट 2025 से पहले हर क्षेत्र के एक्सपर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण को लगातार सुझाव दे रहे है, ताकि आगामी बजट में उन्हें फायदा मिल सकें। इसके अलावा मीडिल क्लास भी इस बजट से खासी उम्मीद लगाया बैठा है। ताकि उसको रोजमर्रा की चीजें कम दामों पर मिल सके। इसी बीच कई एक्सपर्ट ने पेट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण कीमतों को लेकर भी अपना सुझाव दिया है।
Budget 2025 में पैट्रोल की कीमतों में बदलाव
भारत सरकार ने ऊर्जा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को 1.19 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए। उल्लेखनीय आवंटन में ओएनजीसी, आईओसीएल और अन्य तेल कंपनियों के लिए फंडिंग शामिल है। हालाँकि, पेट्रोलियम सब्सिडी में 2.57 प्रतिशत की कमी की गई, साथ ही तेल विपणन कंपनियों के लिए ऊर्जा संक्रमण निधि को ख़त्म कर दिया गया। Budget 2025 से पहले, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने खपत को प्रोत्साहित करने और मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने की उम्मीद में ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती का आह्वान किया है। यदि सरकार इस पर सहमत होती है, तो उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है, जिससे उद्योगों में परिवहन और रसद लागत में भी कमी आएगी।
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में भी कटौती की उम्मीद
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में भी लगातार भारत की साख बढ़ती जा रही है, जिसे देखते हुए इस क्षेत्र में जानकारी रखने वाले कई एक्सपर्ट का कहना है कि आयातित इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर भारत की निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से प्रस्तावित 25000 करोड़ रुपये की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के साथ, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पर भी पर्याप्त ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। इस पहल से लंबी अवधि में स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें कम हो सकती हैं। वहीं अब देखना होगा की Budget 2025 में वित्त मंत्री द्वार निर्मला सीतारमण द्वारा मीडिल क्लास को कैसी रिआयत दी जाती है।