Income Tax News: संघीय बजट में राजकोषीय समेकन और टैक्स कटौती पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो विशेष रूप से सैलरीड व्यक्तियों के बीच खपत को बढ़ावा दे सकता है, एक BNP पारिबास रिपोर्ट के अनुसार। सरकार का यह प्रयास राजकोषीय घाटे को कम करने और खपत को बढ़ावा देने का है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों को फायदा हो सकता है।
खपत को बढ़ावा देने के लिए टैक्स कटौती – Income Tax News
सरकार ने राजकोषीय समेकन को प्राथमिकता देते हुए खपत को बढ़ावा देने के लिए टैक्स कटौती की घोषणा की है। यह अनुमान है कि राजकोषीय घाटा FY25 में 4.8% से FY26 में 4.4% तक कम हो जाएगा। नए टैक्स व्यवस्था (NTR) में आय सीमा को बढ़ाकर और टैक्स स्लैब को ढीला कर सरकार ने करदाताओं को अधिक डिस्पोजेबल आय देने का प्रयास किया है। यह कदम मुख्य रूप से सैलरीड व्यक्तियों को लाभ पहुंचाएगा, जो भारत के करदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद सैलरीड व्यक्तियों के लिए लाभ
लगभग 75% लोग पहले ही नए टैक्स व्यवस्था में शिफ्ट हो चुके हैं, और सरकार को उम्मीद है कि अब बाकी बचे हुए करदाता भी इस व्यवस्था में शिफ्ट हो जाएंगे। इन बदलावों के साथ, सैलरीड व्यक्तियों को 2-7% तक डिस्पोजेबल आय में वृद्धि का लाभ मिलेगा, जो उनके आय स्तर पर निर्भर करेगा। इसके परिणामस्वरूप, छोटे टिकट वाली खपत जैसे ड्युरेबल गुड्स, ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर और यात्रा में वृद्धि हो सकती है।
आर्थिक दृष्टिकोण और सरकार के अनुमानों के अनुसार
सरकार ने FY26 के लिए GDP वृद्धि का लक्ष्य 10.1% तय किया है और राजस्व प्राप्तियों में 10.8% की वृद्धि का अनुमान है, जबकि खर्चे में 7.4% की वृद्धि हो सकती है। सब्सिडी को फ्लैट रखा गया है, और खर्च में सबसे बड़ी वृद्धि ब्याज भुगतान में होगी। BNP पारिबास रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि टैक्स कटौती से करदाताओं को प्रति माह 2,000-10,000 रुपये की अतिरिक्त डिस्पोजेबल आय मिलेगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में खपत को बढ़ावा दे सकती है (Income Tax News)।