Tuesday, January 21, 2025
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NRI Remittances to India 2023 ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, अर्थव्यवस्था को मिल रहा जबरदस्त फायदा

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NRI Remittances to India: भारत में इस साल NRI Remittances to India ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक की अवधि में, नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI) खातों में 11.9 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ है, जो पिछले साल की समान अवधि में भेजे गए 6.1 अरब डॉलर से लगभग दोगुना है। बता दें कि यह अभूतपूर्व वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती प्रदान कर रही है और भारतीय रुपया को स्थिर बनाए रखने में मदद कर रही है।

NRI खातों में जमा राशि में रिकॉर्ड वृद्धि

अक्टूबर 2023 के अंत तक भारत में NRI खातों में जमा राशि बढ़कर 162.7 अरब डॉलर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल इसी अवधि में 143.5 अरब डॉलर थी। यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है, क्योंकि इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई है, जो रुपये की स्थिरता में सहायक है।

इस वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, NRI Remittances to India ने भारत की बैंकिंग प्रणाली में मजबूती लाई है और इसे वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार किया है।

FCNR और NRE खातों में बढ़ोतरी – NRI Remittances to India 2023

बता दें कि भारत में एनआरआई प्रेषण का सबसे बड़ा हिस्सा एफसीएनआर (बी) डिपॉजिट्स के जरिए आया है, जिसमें 6.1 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक है। एफसीएनआर (बी) खातों को विदेशों में काम करने वाले भारतीय ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इनमें उन्हें उच्च ब्याज दर और विदेशी मुद्रा में जमा करने का लाभ मिलता है, जिससे रुपये के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिलती है।

इसके अलावा, एनआरई डिपॉजिट्स में भी इस दौरान 3.09 अरब डॉलर का इनफ्लो हुआ है, जो पिछले साल की समान अवधि में भेजे गए 1.95 अरब डॉलर से कहीं अधिक है। ये डिपॉजिट्स एनआरआई रेमिटेंस के लिए एक आकर्षक विकल्प हैं, क्योंकि इन खातों में उच्च ब्याज दरों के साथ रुपये में जमा किया जाता है।

2023 में NRI Remittances to India की रिकॉर्ड वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत संकेत है। ये रेमिटेंस न केवल भारतीय बैंकिंग सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि कर रहे हैं, जिससे भारतीय रुपया स्थिर रहता है और देश के विकास में मदद मिल रही है।

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