Ratan Tata: भारत के मशहूर बिजनेसमैन और दिवंगत Ratan Tata के वसीहत का खुलासा हो गया है, बता दें कि उनके 3800 करोड़ रूपये के अधिक संपत्ति को परोपकार के इस्तेमाल और उनके परिवारजनों, दोस्त, रिश्तादारों में बांटा गया है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार उनकी अधिकांश संपत्ति रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को दी जाएगी, जो उनके कार्यों को आगे बढ़ाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि रतन टाटा ही नहीं 5 भारतीयों जिसने परोपकार में हासिल किया है नया कीर्तिमान।
Ratan Tata की अधिकांश संपत्ति को परोपकार में किया जाएगा इस्तेमाल
आपको बताते है कि दिवंगत Ratan Tata की कुल 3800 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा कर दिया गया है। जिसमे उनके परिवारवालों, दोस्त, रिश्तेदारों और परोपकार शामिल है। आपको बता दें कि परोपकार के तहत इसका इसका उपयोग लोगों के कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, जिससे समाज सेवा का मिशन में जारी रहेगा। इसके अलावा उनकी 800 करोड़ की संपत्ति का बड़ा हिस्सा अपने परिजनों को दिया है। विरासत के अनुसार रतन टाटा के भाई जिम्मी नवल टाटा को परिवार के जूहू स्थित बंगले का एक हिस्सा विरासत में मिलेगा। इसके साथ ही उनके करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को अलीबाग की संपत्ति मिलेगा।
5 भारतीयों ने परोपकार में हासिल किया नया कीर्तिमान
बता दें कि Ratan Tata के अलावा भारत के 5 ऐसे बिजनेसमैन है, जिन्होंने परोपकार में नया कीर्तिमान हासिल कर दिया है। जिसमे सबसे पहला नाम है शिव नादर, बताते चले कि वह एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक है, जिनका परोपकार क्षेत्र में एक बहुत बड़ा नाम है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण सेवा को आगे बढ़ाने के लिए लगातार दान करते हुए आ रहे है।
मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्रों में 800 करोड़ रूपये का दान दिया था। इसके अलावा भी मुकेश अंबानी लगातार परोपकार के क्षेत्रों में आगे बढ़ रहे है।
Ratan Tata ही नहीं गौतम अडानी भी है बड़े दानवीर
भारत के मशहूर बिजनेसमैन और अडानी चेयरमैन के मुखिया गौतम अडानी लगातार परोपकार में दाम करते रहते है, गौरतलब है कि गौतम अडानी पर्यायवरण और शिक्षा के माध्यम से लगातार गरीब और वंचित लोगों की मदद कर रहे है। जानकारी के मुताबिक अडानी ग्रुप में 250 करोड़ रूपये का दान किया था।
अनिल अग्रवाल
वेदांता फाउंडेशन के संस्थापक अनिल अग्रवाल भी लगातार परोपकार के क्षेत्र में अपना नया कीर्तिमान हासिल किया। जानकारी के मुताबिक अनिल अग्रवाल और उनकी टीम छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और ग्रामीण भारत में अस्पतालों के लिए वित्त पोषण जैसी उल्लेखनीय परियोजनाएं शामिल हैं। इसकेअलावा वेदांता फाउंडेशन द्वारा 500 करोड़ रूपये की धनराशि प्रदान की गई थी।
सज्जन जिंदल
जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करने सहित स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास में धन लगाया है। जेएसडब्ल्यू समूह द्वारा 300 करोड़ रूपये की धनराशि दी गई थी।