Saturday, May 24, 2025
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बड़ी खबर! UPI लेन देन के नियमों में होगा बड़ा उलटफेर! ट्रांजैक्शन करते वक्त यूजर्स को इन बातों का रखना होगा ध्यान, इस तारीख से लागू होगा नया नियम

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UPI: भारत में बड़ी संख्या में यूपीआई यूजर्स है जो लगभग प्रतिदिन ट्रांजैक्शन करते, लेकिन जल्द NPCI यानि National Payments Corporation of India नियमों में बदलाव करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नया नियम 30 जून से लागू कर दिया जाएगा। वहीं अब यूजर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या इससे यूजर्स को परेशान होने की जरूरत है, और इससे उनपर क्या असर पड़ने वाला है। चलिए इस लेख के माध्यम से आपको बताते है इससे जुड़ी सभी अहम जानकारी।

UPI लेन देन के नियमों में होगा बड़ा उलटफेर

NPCI जल्द UPI ट्रांजैक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। नए नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजता है तो उस समय रिसीवर यानी पैसे लेने वाले व्यक्ति का बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम ही मोबाइल ऐप पर दिखेगा।

गौरतलब है कि पहले ऐसा होता था कि यूजर्स एप पर अपनी निक नेम भी डाल देते थे, जो पैसे जमा करते वक्त दिखता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, जो बैंक में नाम होगा वहीं एप पर भी दिखेगा। इसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है। वहीं यह नियम सभी पेमेंट ऐप पर लागू होगा, जिसमे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और भीम व अनय एप शामिल है।

कब से लागू होगा UPI का नया नियम

जानकारी के मुताबिक NPCI द्वारा लागू यह नया नियम 30 जून से लागू होगा। नए नियम के लागू होने के बाद अगर कोई किसी भी व्यक्ति या मर्चेंट को पैसे भेजता है तो अब से उसके बैंक में दर्ज नाम पेमेंट ऐप पर दिखेगा, यानि आसान भाषा में कहें तो रिसीवर का जो नाम बैंक में दर्ज है, वहीं अब पेमेंट ऐप पर भी दिखेंगा।

NPCI द्वारा लागू नए नियम के फायदें जान रह जाएंगे हैरान

जानकारी के मुताबिक UPI नियमों में हो रहे बदलाव में सबसे ज्यादा फायदा यूजर्स को होने वाले है।

धोखाधड़ी पर नियंत्रण: अब पैसे भेजने से पहले आप यह जान सकेंगे कि सामने वाला व्यक्ति सही व्यक्ति है या नहीं।

अधिक सुरक्षित: इस सिस्टम से यूजर्स में भरोसा बढ़ेगा और गलत व्यक्ति को पैसे भेजने की गलती कम होगी।

इससे समान नामों के कारण होने वाली त्रुटियों को रोका जा सकेगा, जिससे यूजर्स को भारी नुकसान होता था। वहीं माना जा रहा है कि इससे धोखाधड़ी के मामलों में भी काफी कमी आने की उम्मीद है।

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