Wholesale Price Index: देश की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर जनवरी 2025 में घटकर 2.31% हो गई, जो दिसंबर 2024 में 2.37% थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण हुई, जबकि ईंधन और निर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट, प्राथमिक वस्तुओं का सूचकांक घटा
जनवरी 2025 में प्राथमिक वस्तुओं का Wholesale Price Index 2.01% गिरा, जिसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.62% की गिरावट रहा। हालांकि, सभी श्रेणियों में गिरावट नहीं आई। कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतें 6.34% बढ़ीं, जबकि गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 0.66% और खनिजों की कीमतों में 0.22% की वृद्धि दर्ज की गई।
ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र में महंगाई बढ़ी – Wholesale Price Index
WPI में कुल गिरावट के बावजूद, ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र की महंगाई दर जनवरी में 0.47% बढ़ी। इसका मुख्य कारण ईंधन की कीमतों में वृद्धि थी, हालांकि कोयले की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
निर्माण क्षेत्र में मामूली बढ़ोतरी
निर्मित वस्तुएं, जो WPI सूचकांक में 64.23% का योगदान देती हैं, जनवरी 2025 में 0.14% बढ़ीं। 22 विनिर्माण समूहों में से 15 समूहों की कीमतों में वृद्धि हुई, जबकि 5 समूहों में गिरावट आई और 2 समूहों की कीमतें स्थिर रहीं। वह क्षेत्र जहां कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई, उनमें मशीनरी और उपकरण, रसायन, दवा और चिकित्सा उत्पाद शामिल हैं। वहीं, बेसिक मेटल, फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स, वस्त्र, पेय पदार्थ और परिवहन उपकरण की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई Wholesale Price Index खाद्य सूचकांक भी घटा, जो दिसंबर 2024 में 8.89% था और जनवरी 2025 में 7.47% पर आ गया, जिससे खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का संकेत मिलता है।