Tuesday, May 20, 2025
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Ayodhya Ram Mandir: गर्भगृह में आए रामलला, जानें पुरानी मूर्ति का क्या होगा?

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National Tourism Day: यूपी में अब पर्यटन की बात जब भी होगी, तो सूची में महाकुंभ आयोजन स्थली प्रयागराज का नाम अवश्य जुड़ेगा। Maha Kumbh आयोजन ने यूपी की तस्वीर बदलने की काम किया है।

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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में उमड़े भक्तों के जनसैलाब में अद्भुत आस्था का भाव नजर आ रहा है। भक्त महाकुंभ 2025 का हिस्सा बनकर त्रिवेणी संगम घाट पर स्नान कर रहे हैं। हजारों हेक्टेयर भूमि पर फैले महाकुंभ मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में अलौकिक व दिव्य छटाएं भी प्रदर्शित की जा रही हैं।

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ट्रस्ट की ओर से सभी तरह की तैयारियां की जा रही हैं। इस कड़ी में शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए बीते दिन प्रभु रामलला की नवीन प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करा ली गई। मंदिर ट्रस्ट की ओर से स्पष्ट किया गया है कि 22 जनवरी को शुभ मुहूर्त के अनुसार रामलला की प्रतिमा गर्भगृह में स्थाई रुप से स्थापित की जाएगी।

हालाकि रामलला की नवीन प्रतिमा स्थापना को लेकर लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न भी उठ रहे हैं। इस कड़ी में ये भी पूछा जा रहा है कि नई प्रतिमा के स्थापना के बाद रामलला की पुरानी मूर्तियों का क्या होगा? लोग ये जानना भी चाह रहे हैं कि स्थापना के लिए निर्मित की गईं अन्य दो मूर्तियों का क्या किया जाएगा? ऐसे में आइए आज हम आपको इसी तरह से जुड़े सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।

पुरानी मूर्ति का क्या होगा?

अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दौरान कर्नाटक के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा निर्मित की गई प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। ऐसे में एक सवाल लोगों के मन में आ रहा है कि आखिर रामलला के पुराने प्रतिमा का क्या होगा?

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय इसको लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने का काम किया है। उनकी तरफ से स्पष्ट किया गया है कि रामलला की वर्तमान प्रतिमा जिसकी उपासना, सेवा, पूजा लगातार 70 साल (1950 से) से चली आ रही है, वो भी मूल मंदिर के मूल गर्भगृह में ही उपस्थित होगी। चंपत राय ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार की गई अन्य दो मूर्तियों को लेकर कहा है कि “रामलला की दो मूर्तियां राम मंदिर के पहले और दूसरे तल पर विराजमान की जाएंगी।”

रामलला दरबार के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि पुरानी मूर्ति ‘उत्सव मूर्ति’ मानी जाएगी। इसे चल मूर्ति भी माना जाता है जिसके तहत पुरानी प्रतिमा को किसी उत्सव में ले जाया जा सकेगा और उत्सव में जाकर वो वापस चले आएंगे।

आचार्य सत्येंद्र दास की ओर से नवीन प्रतिमा को लेकर कहा गया है कि “जिस 51 इंच मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी वो अचल मूर्ति होगी और उसे हटाया नहीं जा सकेगा।”

Ayodhya Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या के साथ देश के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास होने वाला है। बता दें कि इस खास दिन को ही राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के गर्भगृह में प्रभु रामलला के नवीन प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी (PM Modi) के साथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत कई गणमान्य मेहमान उपस्थित रहेंगे।

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Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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