Ayodhya Ram Mandir: उतर प्रदेश की राम नगरी अयोध्या में भगवान राम का मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) जोरो-शोरों से और भव्य तरीके से बनाया जा रहा है। 22 जनवरी को प्रभु राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। ऐसे में बीते मंगलवार 16 जनवरी से इसके लिए अनुष्ठान की क्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसी बीच बुधवार रात को राम लला की गर्भगृह में स्थापित होने वाली 200 किलोग्राम की नई मूर्ति क्रेन की मदद से रामजन्म भूमि परिसर में लाई गई।
आज इतने बजे स्थापित हो सकती है राम लला की मूर्ति
आपको बता दें कि इस मामले में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को राम लला की मूर्ति को स्थापित किया जा सकता है। वहीं, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले गुरुवार को गर्भगृह में श्रीराम यंत्र स्थापित किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गुरुवार दोपहर 12:45 बजे से विग्रह को गर्भगृह के चबूतरे पर रखने का पूजन शुरू होगा। इसके बाद आज ही रामलला की मूर्ति स्थापित कर दी जाएगी।
प्राण प्रतिष्ठा पर श्री श्री रविशंकर का जवाब
अयोघ्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर ज्योतिष्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आपत्ति दर्ज की। वहीं, इस पर आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने एक बड़ा बयान दिया है। श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को कि मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद मंदिरों के निर्माण के कई उदाहरण हैं। रविशंकर ने कहा कि शंकराचार्य एक विचारधारा के हैं, मगर अन्य प्रावधान भी हैं, जो ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद भी मंदिर निर्माण की अनुमति देते हैं।
श्री श्री रविशंकर ने दिया ये उदाहरण
रविशंकर ने कहा, ‘ऐसे अन्य प्रावधान हैं, जहां आप प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी मंदिर का निर्माण जारी रख सकते हैं। तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान राम ने स्वयं एक शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय वहां कोई मंदिर नहीं था. उनके पास मंदिर बनाने का समय नहीं था। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा की और बाद में मंदिर बनाया गया।’
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