Cashless Treatment: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को फटकार लगाने के एक सप्ताह बाद, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सोमवार को सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए “गोल्डन ऑवर” के दौरान कैशलेस उपचार योजना को अधिसूचित किया। जिसके बाद अब जल्द सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को Cashless Treatment नियम के तहत सरकार उपचार के लिए 1.5 लाख रूपये देगी, यानि आसान भाषा में समझे अगर कोई सड़क पर ज्यादा घायल हो जाता है उसे अपने तरफ से पैसा नहीं देना होगा, सरकार 1.5 लाख तक उसका खर्चा उठाएंगे।
Cashless Treatment के तहत घायलों को इलाज के लिए मिलेगा 1.5 लाख रूपये
इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार होता है तो उसे 1.5 लाख रुपये तक का इलाज बिल्कुल मुफ्त मिलेगा। पहले सात दिनों तक चयनित सरकारी या निजी अस्पताल में बिना किसी भुगतान के इलाज कराया जाएगा। हालांकि सरकार द्वारा निर्धारित अस्पतालों में ही इलाज पूरी तरह से कैशलेस होगा। सरकार ऐसे अस्पतालों की सूची जारी करेगी और इसे नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा। यानि नया कानून लागू होने के बाद सरकार ऐसे अस्पतालों की लिस्ट जारी करते हुए जहां इलाज चल जाएगा।
इस योजना के लिए कौन पात्र होगा?
अगर नए Cashless Treatment स्कीम की बात करें तो यह योजना हर उस व्यक्ति पर लागू होती है जो किसी भी राज्य में सड़क दुर्घटना का शिकार होता है। घायल व्यक्ति को उसकी राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना इलाज मिलेगा, अगर वह भारत में सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ है। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा संचालित की जा रही है, तथा राज्य सड़क सुरक्षा परिषद और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस व्यवस्था की निगरानी के लिए 11 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है।