Ethiopian Volcano Eruption: पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी फटने के बाद निकलने वाली राख भारत पर भी अपना बुरा प्रभाव डाल रही है। जानकारी के मुताबिक, हेली गुब्बी ज्वालामुखी लगभग 12000 साल बाद पहली बार फटा है। ऐसे में राख का एक बादल का असर भारत के पश्चिम और उत्तरी इलाके पर देखने को मिल रहा है। इस वजह से इंडिया के कई शहरों में हवाई मार्ग प्रभावित हुआ है। इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद लाल सागर, यमन और अरब सागर होते हुए इसकी राख भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब की ओर बढ़ गई।
Ethiopian Volcano Eruption को लेकर डीजीसीए और आईएमडी ने जारी की एडवाइजरी
‘Mint’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीसीए यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने इथियोपियाई ज्वालामुखी विस्फोट को लेकर एयरलाइंस के लिए एडवाइजरी जारी की है। डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को ज्वालामुखी विस्फोट के बाद निकलने वाली राख से प्रभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी है। साथ ही बताया जा रहा है कि इसके पश्चिमी और उत्तरी भारत तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में मंगलवार के लिए प्रभावित एरिया के लिए कई फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी की राख हवा में विमानों के इंजन, विमानों के कांच और विजिबिलिटी के लिए परेशानी पैदा कर सकता है।
वहीं, आईएमडी यानी भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि बीते दिन शाम 6:30 बजे के करीब राख भारत के एयरस्पेस में शामिल हुई थी। साथ ही आईएमडी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मंगलवार को बड़े एयरपोर्ट्स पर राख गिरी, तो काफी बड़ा नुकसान होने की संभावना है। हालांकि, आईएमडी ने कहा कि सबकुछ सही रहा, तो राख के बादल मंगलवार शाम 7:30 बजे तक भारत से साफ हो जाएंगे और चीन में पहुंच जाएंगे।
इथियोपियाई ज्वालामुखी विस्फोट से बढ़ सकता है दिल्ली का प्रदूषण
उधर, इथियोपियाई ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली राख दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को भी बढ़ाने का काम कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भी दिल्ली का एक्यूआई यानी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 के करीब बना हुआ था। ऐसे में प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली का एक्यूआई 382, गाजियाबाद का 396 और नोएडा में 397 दर्ज किया गया। ऐसे में काफी लोगों को जहरीली हवा की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।






