Jewar Airport: यूपी में उद्योग जगत के नए केन्द्र के रूप में गौतमबुद्ध नगर जिला फिलवक्त अगली पंक्ति में खड़ा नजर आ रहा है। गौतमबुद्ध नगर के जेवर में निर्माणाधिन एयरपोर्ट ने इसकी पूरी तस्वीर बदलकर रख दी है। जेवर एयरपोर्ट को जनता के लिए कब खोला जाएगा, इसको लेकर कई तरह की कयासबाजी चल रही है। अंदरखाने हो रही चर्चाओं के मुताबिक सरकार जेवर एयरपोर्ट को 2025 के अंत तक आम जनता के लिए खोल सकती है। Jewar Airport के खुलने का मतलब ये नहीं है कि निर्माण का काम खत्म हो जाएगा।
निर्माण कार्य की सीमा अभी कई वर्षों तक जाएगी। कई टर्मिनल व हवाई अड्डे के आवश्यक तत्वों का निर्माण होना अभी बाकी है। हां, ये स्पष्ट है कि जिस दिन जेवर एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाएगी, उस दिन गौतमबुद्ध नगर की तस्वीर बदलेगी और ये जिला उद्योग जगत के नए केन्द्र के रूप में अपनी छाप छोड़ेगा। कैसे क्या-क्या संभावनाएं हैं, आइए विस्तार से सब कुछ बताते हैं।
Jewar Airport बदलेगा जनपद गौतमबुद्ध नगर की तस्वीर!
हाईटेक दफ्तर व बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स के साथ यूपी में अपनी अलग छाप छोड़ चुका गौतमबुद्ध नगर जिला फिर सुर्खियों में है। यूपी सरकार लगातार जेवर एयरपोर्ट से उड़ान को लेकर अपडेट सांझा करती नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट से जिस दिन उड़ान सेवा को हरी झंडी मिली, उसी दिन से उद्योग जगत को भी उड़ान मिल जाएगी। अवसरों के कई नए द्वार खुलेंगे और बड़े-बड़े निवेशक व बाजार के उद्योग जगत के माहिर खिलाड़ी गौतमबुद्ध नगर की ओर आकर्षित होंगे। एक Jewar Airport जिले की तस्वीर बदलेगा और रियल एस्टेट से लेकर उद्योग, कारखानों आदि जैसे तमाम क्षेत्र में अवसरों के कई नए द्वार खुलेंगे।
जेवर एयरपोर्ट शुरू होने के साथ ही बेहतर होगी कनेक्टिविटी
बता दें कि जिस दिन जेवर एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू हुई, पश्चिमी यूपी के ज्यादातर लोग राजधानी दिल्ली के बजाय यहीं से उड़ान सेवा लेना पसंद करेंगे। लोगों का आवागमन तेजी से बढ़ेगा और जेवर एयरपोर्ट इसी के चलते अवसरों के कई नए द्वार खुलेंगे। इसके अलावा कनेक्टिविटी को दुगनी गति से रफ्तार मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट होने के नाते Jewar Airport को देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा जाएगा। इससे आवागमन आसान होगा और उद्योग जगत से लेकर अन्य तमाम जगत के दिग्गज गौतमबुद्ध नगर की ओर आकर्षित होंगे। यही वजह है निकट भविष्य में जेवर एयरपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के लिए वरदान के रूप में माना जा रहा है। इसकी मदद से ये दिला उद्योग जगत के नए केन्द्र के रूप में स्थापित हो सकता है।