गुरूवार, मई 16, 2024
होमख़ास खबरेंIndia Foreign Policy: आदर्शवाद से व्यावहारिकता की ओर! पीएम मोदी की वैश्विक...

India Foreign Policy: आदर्शवाद से व्यावहारिकता की ओर! पीएम मोदी की वैश्विक पहुंच ने भारत को दुनिया में दिया नया मुकाम

Date:

Related stories

PM Modi ने स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री पर हुए हमले को लेकर जताई चिंता, एकजुटता का संदेश जारी कर कही बड़ी बात

PM Modi: स्लोवाकिया गणराज्य के लिए बुधवार का दिन बेहद चुनौती भरा रहा। दरअसल बुधवार यानी बीते कल स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको पर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग कर दी जिससे वो बुरी तरह से जख्मी हो गए।

Pawan Kalyan: PM Modi के नामांकन में पहुंचे पवन कल्याण के दावे से चढ़ा सियासी पारा, जानें क्या कहा?

Lok Sabha Election 2024: लोक सभा चुनाव के सियासी बिगुल के बीच आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोक सभा सीट से अपना नामांकन कर दिया।

Lok Sabha Election 2024: PM Modi के नामांकन को लेकर वाराणसी में दिग्गजों का जमावड़ा, जानें क्या है BJP की खास तैयारी

Lok Sabha Election 2024: देश के विभिन्न हिस्सों में लोक सभा चुनाव 2024 को लेकर नेताओं द्वारा नामांकन में चुनावी सभा में भाग लेने की प्रक्रिया जारी है। इसी क्रम में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी वाराणसी लोक सभा सीट से अपना नामांकन दर्ज कर दिया है।

India Foreign Policy: भारत एक विकासशील देश है जिसकी अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है और बहुत तेजी से बढ़ रही है। बता दें कि भारत की विदेश नीति दूसरे देश के साथ संबंधों को बनाए रखने और समझौतों अनुबंधों और व्यापार विवरण के माध्यम से अपने राष्ट्रीय हितों को पूरा करने के लिए निर्धारित की जाती है। आज हम इस लेख में भारत की विदेश नीति के बारे में बात करेंगे। इसके साथ ही कुछ सालों में भारत की विदेश नीति में कितना बदलाव आया है, और दुनिया भारत को किस नजर से देख रही है।

पीएम मोदी के आने बाद कितनी बदली India Foreign Policy

पिछले कुछ सालों में दुनिया ने भारत का लोहा माना है। भारत ने अपनी India Foreign Policy को अपने अतीत की आदर्शवादी गूँज से लेकर कठिन यथार्थवाद को अपनाने तक विकसित होते देखा है। आज भारत को पूरी दुनिया विश्व गुरू के रूप में देख रही है। भारत अब शक्ति और भौतिक हितों की स्पष्ट खोज के साथ वैश्विक मंच पर आगे बढ़ रहा है।

India Foreign Policy क्या है?

किसी भी स्वतन्त्र व प्रभुसत्ताम्पन्न देश की विदेश नीति मूल रूप में उन सिद्धान्तों, हितों तथा लक्ष्यों का समूह होती है। जिनके माध्यम से वह देश दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने, उन सिद्धान्तों, हितों व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत् रहता है। किसी भी राष्ट्र की विदेश नीति उसकी आन्तरिक नीति का ही एक भाग होती है जिसे उस देश की सरकार ने बनाया है।

भारत – मिडिल ईस्ट देशों के साथ संबंध

India Foreign Policy
PM Modi

मध्य पूर्व क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह भारत के कुल तेल आयात का लगभग दो-तिहाई आपूर्ति करता है, हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार भी विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात और फारस की खाड़ी के अन्य अरब राज्यों के साथ फल-फूल रहा है। मोदी ने पूर्वी एशिया के संबंध में अपनी एक्ट ईस्ट नीति के पूरक के रूप में इस नीति का प्रस्ताव रखा। हालांकि इसे “लिंक वेस्ट” (भारत का पश्चिम) कहा जाता है। भारत के कुछ रणनीतिक विचारक इसे मोदी की मध्य-पूर्व नीति कह रहे हैं। इसके अलावा पीएम मोदी ने हाल ही में अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन भी किया। साथ ही यूएई और भारत के बीच कई समझौते हुए।

भारत और यूरोपीय देशों के साथ संबंध?

भारत के कुल व्यापार में 12.5% ​​के साथ यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जो चीन (10.8%) और संयुक्त राज्य अमेरिका (9.3%) से आगे है। भारत यूरोपीय संघ के कुल व्यापार का 2.4% के साथ यूरोपीय संघ का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। आपको बता दें कि हाल के कुछ सालों में यूरोपियन देशों के साथ भारत के रिश्तों में काफी बदलाव आया है। अब दुनिया भारत को विश्व गुरू के रूप में देख रही है।

विदेश नीति का मुख्य उद्देशय

किसी भी देश की विदेश नीति का निर्माण कुछ निश्चित उद्देश्यों को मध्येनजर रखकर ही किया जाता है। एक देश की विदेश नीति का उद्देश्यों  दूसरे देशों की विदेश नीतियों से कुछ साम्य व आसाम्य अवश्य रहते है। सुरक्षा समृद्धि, शांति  किसी भी देश की विदेश नीति की आधारभूत विशेषता होती है।

अमेरिका और रूस के बीच संतुलन बनाएं रखना

●हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति निर्विवाद झुकाव के बावजूद, भारत ने एक ऐतिहासिक सहयोगी और सैन्य उपकरण और ऊर्जा के महत्वपूर्ण स्रोत रूस के साथ मजबूत संबंध बनाए रखा है। बढ़ते आर्थिक संबंधों, रक्षा सहयोग और आतंकवाद तथा चीन के बारे में साझा चिंताओं ने भारत और अमेरिका को करीब ला दिया है।

●क्वाड और I2U2 समूह, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) आदि पर दोनों देशों के सहयोग से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में यह रिश्ता और मजबूत हुआ है।

●भारत का रूस से काफी पुराना और गहरा संबंध है साथ ही, रूस सैन्य हार्डवेयर का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है, जो भारत के 60% से अधिक रक्षा आयात के लिए जिम्मेदार है। यह ऊर्जा सुरक्षा में भी एक प्रमुख भागीदार है, और भारत ने पिछले कुछ महीनों में रियायती रूसी ऊर्जा पर भरोसा किया है।

मोदी की विदेश नीति- नेहरू की विदेश नीति से कितनी अलग

आज का भारत और आज का विश्व अलग है। नेहरू जी की India Foreign Policy में ऩॉन एलाइंमेट का ज्यादा बोलबाला था, क्योकि उस वक्त सोवियत संघ और अमेरिका में कुल मिलाकर एक शीत युद्ध चल रहा था। लेकिन आज की जो दुनिया है उसमे चुनौतियां बहुत अधिक है। बता दें कि आज के समय में चीन बहुत बड़ी शक्ति के रूप में उभर कर आया है। और उसका नजरियां भारत को लेकर आक्रामक है। इसलिए आज के जरूरत और चुनौतियों के हिसाब से जैसी विदेश नीति होनी चाहिए। पीएम मोदी की विदेश नीति वैसे ही है।

Latest stories