INDI Alliance: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी गलियारों में ‘इंडि अलायंस’ के वजूद को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या इंडि गठबंधन का वजूद समाप्त हो गया है? क्या गठबंधन में कांग्रेस अब अकेले पड़ गई है? बिहार से लेकर महाराष्ट्र, दिल्ली तक INDI Alliance के सहयोगियों के बदले सुर के मायने क्या हैं? क्या निकट भविष्य में कांग्रेस खुलकर इंडि अलायंस के खत्म होने का ऐलान करेगी? इस लेख के माध्यम से हम आपको इन तमाम सवालों का जवाबे देंगे। इसके साथ ये भी बताने की कोशिश की जाएगी कि महाराष्ट्र से बिहार और दिल्ली तक विपक्षी दलों को बदले सुर का दूरगामी असर क्या हो सकता है।
Delhi Assembly Election से पहले INDI Alliance के वजूद पर उठे सवाल!
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडि अलायंस’ के वजूद पर सवाल उठने के कई कारण हैं। दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के प्रमुख सहयोगी दल सपा, TMC और शिवसेना ने Congress के बजाय AAP को समर्थन देने की बात कही है। इंडि अलायंस के कुछ नेताओं का कहना है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था। महाराष्ट्र से लेकर बिहार, बंगाल तक INDI Alliance के खिलाफ नेताओं के सुर भी मुखरता से नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि गठबंधन के वजूद पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
Bihar से Maharashtra तक ‘इंडि अलायंस’ में शामिल दलों ने खोला मोर्चा
बिहार में लालू यादव की RJD हो या महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना। ये दोनों दल फिलहाल INDI Alliance के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए पूर्णत: मुखर हैं। RJD को लीड कर रहे तेजस्वी यादव ने बीते दिनों बक्सर में कहा था कि ‘इंडि अलायंस’ का गठन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ था। अब गठबंधन का कोई आस्तित्व नही है।” वहीं शिवसेना भी लगातार सांकेतिक रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत का कहना है कि “हमने लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा और अच्छा परिणाम मिला। उसके बाद यह हमारी जिम्मेदारी थी कि गठबंधन जीवित रखने के लिए रणनीति अपनाई जाए। यदि लोगों में INDI Alliance को लेकर गलत भाव पैदा होती है, तो जिम्मेदारी Congress की होगी।”
ममता बनर्जी भी ‘इंडि अलायंस’ के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए गठबंधन को लीड करने की इच्छा व्यक्त कर चुकी हैं। TMC ने तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को छोड़ AAP का साथ देने की बात कह दी है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि कांग्रेस यदि गंभीरता से अपना पक्ष नही रखेगी तो ‘इंडि अलायंस’ के वजूद पर सवाल उठेंगे।
शह-मात के खेल में अकेल पड़ गई Congress!
गठबंधन को लेकर छिड़े जंग के बीच शह-मात के खेल में कांग्रेस अकेले पड़ती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शरद पवार और उद्धव ठाकरे गुट द्वारा उठाए सवाल, साथ ही बिहार में तेजस्वी यादव द्वारा ‘इंडि अलायंस’ के आस्तित्व पर सवाल खड़ा करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी सहयोगियों का साथ खो चुकी है। इससे पहले यूपी विधानसभा उपचुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कुलजमा बात ये है कि Congress हर मोर्चे पर घिरती और अकेले पड़ती नजर आ रही है। ऐसे में निकट भविष्य में INDI Alliance को बचाने के लिए पार्टी कोई कदम उठाती है या नही, इसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहेगा।