सोमवार, मई 13, 2024
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Rice Hike : चावल की कमी के कारण ग्लोबल लेवल पर मची खलबली,  IMF ने कही बड़ी बात

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Rice Price Hike: भारत चावल निर्यात के मामले में विश्व के महत्वपूर्ण देशों में से एक है। विश्व के अनेक हिस्सों में भारत 40% तक की चावल की निर्यात करता है।

Rice Hike News: इस समय सारा विश्व देखा जाए तो चावल के बढ़ते दामों को लेकर परेशान है। वजह भी इसका साफ है इस बार विश्व के दो सबसे बड़े चावल उत्पादक देश चीन और भारत खुद इस तंगी से जूझ रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक है, कि दुनिया और देश में चावल की बढ़ती कीमत देखने को मिलेगी। यही वजह है, कि भारत सरकार ने 20 जुलाई 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसे में अब बड़ी खबर अमेरिका और कनाडा से आ रही है बताया जा रहा है, यहां चावल की कमी के कारण लोग किराना स्टोर की दुकानों में घंटों लाइन में खड़े।  वहीं कुछ तो चावल की तंगी को देखते हुए दुकान की चावल स्टॉक को ही खरीद लेना चाहते है। ऐसे में अब इस मामले पर IMF ने बड़ी बात कही है। आइए जानते हैं। 

भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया

यह बात किसी से छिपी नहीं है, कि सारा विश्व इस समय चावल की तंगी से जूझ रहा है। इस मामले पर भारतीय किसानों ने पहले ही अपना इरादा साफ कर दिया था, कि हमारी फसल इस बार की बेमौसम बारिश ने काफी हद तक बर्बाद कर दिया है। यही हाल कुछ पड़ोसी मुल्क चीन का रहा। बता दें कि भारत और चीन दुनिया के सबसे बड़े चावल उत्पादक देश हैं। ऐसे में देखा जाए तो पूरी दुनिया में भारत अकेला 40 फ़ीसदी से अधिक व्यापार में हिस्सेदारी रखता है। लेकिन इस बार किसानों की खरीफ (चावल) की फसल बर्बाद हो गयी। यही वजह है, कि भारत ने 20 जुलाई 2023 से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। देश में एक तरफ अन्य प्रकार की महंगाई बढ़ी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ चावल के बढ़ते दामों को बैलेंस करने के लिए सरकार ने ऐसा कदम उठाया।   

चावल निर्यात को लेकर IMF ने कही बड़ी बात

बता दें कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कि साल 2023 में चावल के दामों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है। क्योंकि चावल विश्लेषकों (एनालिसिस्ट) के मुताबिक इस साल सभी रिकॉर्ड टूटने वाले हैं। वजह भी इसकी साफ है चावल की भारी कमी। 

बता दें कि इस बार वर्ष (2022–2023) में चावल ग्लोबल लेवल पर 8.7 मिलियन टन की कमी देखी जा सकती है। जबकि भारत के नजरिए से देखे तो 14 जुलाई तक (खरीफ फसल) की बुवाई में 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 

ऐसे में चावल निर्यात को लेकर IMF ने कहा, “ वह इंडिया को गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”  

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Saurabh Mall
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सौरभ कुमार मल्ल बीते 2 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया केंद्रीय विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में P.G. की पढ़ाई की है। उन्होंने अपनी शुरुआत दैनिक भास्कर (इंटर्नशिप) से किया है। यह कई और चैनलों में बतौर कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल सौरभ DNP India Hindi वेबसाइट में बतौर कंटेंट राइटर (पॉलिटिकल, क्राइम और इंटरनेशनल) डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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