Etawah News: मामला अब तेजी से तुल पकड़ता नजर आ रहा है और मौके पर स्थिति लचर है। दरअसल, यूपी के इटावा में दो कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के बाद आज दांदरपुर गांव में अहीर रेजीमेंट के कुछ सदस्य प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान इटावा पुलिस ने उनके रोकने की कोशिश की। तभी मौके पर उपस्थित भीड़ ने पुलिस को निशाना बना लिया और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। भीड़ द्वारा बरसाए गए पत्थरों की चपेट में आने से पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। मामले को तुल पकड़ता देख 12 थानों की पुलिस मौके पर तैनात की गई है। अपुष्ट खबरों की मानें तो पुलिस ने उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायर भी किए हैं और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। फिलहाल मौके पर शांति होने की खबर है।
इटावा में उग्र भीड़ ने पुलिस को बनाया निशाना!
दरअसल, कथावाचाक कांड को सियासी रंग मिलता नजर आ रहा है और प्रदर्शन का दौर जारी है। खबरों की मानें तो आज इसी क्रम में अहीर रेजिमेंट और यादव संगठन के हजारों समर्थकों ने बकेवर थाना के बाहर कथावाचकों को छुड़ाने के लिए प्रदर्शन किया। इसी दौरान भीड़ उग्र हो गई और पुलिस से नोकझोंक का मामला सामने आया। उग्र भीड़ ने आपा खोते हुए पत्थरबाजी की और पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए 12 थानों की फोर्स मौके पर तैनात की गई है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। फिलहाल मौके पर भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है, ताकि स्थिति को नियंत्रित कर किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।
दो कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के आरोप में शुरू हुआ प्रदर्शन!
सोशल मीडिया एक मामला आग की तरह फैला जिसमें दो यादव कथावाचकों के साथ बदसलूकी होने की बात कही गई। खबरों की मानें तो भीड़ ने मुकुट मणि और संतसिंह को निशाना बनाते हुए उनेक बाल उतारे और उनके साथ बदसलूकी की। मामला सामने आने के बाद यादव संगठनों ने इसका विरोध किया और इसे अस्मिता पर वॉर बताया। इस प्रकरण की कई कड़िया सामने आईं जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और साथ ही फर्जी आधार कार्ड और जाति छुपाकर के आरोप में मुकुट मणि और संत सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया। इसी को लेकर विरोध का दौर जारी है और आज बात हिंसा तक पहुंच गई है। फिलहाल इटावा पुलिस लगातार स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी है, ताकि भीड़ में उपस्थित अराजक तत्वों द्वारा किसी भी तरह की अनियमितता को अंजाम न दिया जा सके।